
चाईबासा: मारवाड़ी युवा मंच, चाईबासा और चाईबासा जागृति शाखा के संयुक्त तत्वावधान में गणगौर महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया. समाज की महिलाओं ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया, जिससे आयोजन में रंगत भर गई.
प्रतियोगिताओं से बढ़ा आकर्षण
महिलाओं के लिए “सबसे आची गणगौर” और “ब्यावली महिलाओं में सबसे सुंदर श्रृंगार” प्रतियोगिता आयोजित की गई. पारंपरिक वेशभूषा और अलंकरण में सजी महिलाओं ने अपनी अनुपम छटा बिखेरी. इसके अलावा, एक मारवाड़ी सांस्कृतिक क्विज प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें बच्चों और युवाओं ने अपनी संस्कृति और इतिहास के ज्ञान का परिचय दिया.
नारी सशक्तिकरण और संस्कृति का उत्सव
गणगौर महोत्सव राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में विशेष रूप से मनाया जाता है. यह पर्व नारी सशक्तिकरण, पारिवारिक समृद्धि और सामाजिक सहयोग का प्रतीक माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य के साथ महिलाओं ने इस पर्व को पूरे भक्तिभाव से मनाया.
सामाजिक समर्पण का प्रतीक
समाज के सभी वर्गों की भागीदारी ने इस आयोजन को यादगार बना दिया. सभी सदस्य एकजुटता और समर्पण की भावना के साथ इस उत्सव में शामिल हुए, जिससे परंपरा और सामाजिक सौहार्द को नई मजबूती मिली.मारवाड़ी युवा मंच और जागृति शाखा के सदस्यों ने प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली महिलाओं और बच्चों को सम्मानित किया. आयोजन के अंत में सभी के लिए अल्पाहार की व्यवस्था भी की गई.
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें अध्यक्ष आशीष कुमार चौधरी, सचिव बसंत खंडेलवाल, मुकेश अग्रवाल, प्रियम चिरानिया, प्रियांशु केडिया, हर्ष सुल्तानिया, अजय कुमार मोहता, आदित्य राज अग्रवाल, नीतू अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल थे. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सलाहकार बलराम सुल्तानिया, सलाहकार सुशील चूमल, लतिका अग्रवाल, अध्यक्षा चंदा अग्रवाल, एवं अन्य सदस्य सूची चिरानिया, भारती अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, शिल्पा पिरोजीवाला, पूनम खिरवाल, अन्नपूर्णा शर्मा, बेला सुल्तानिया, रुचि अग्रवाल, नमिता सुल्तानिया, बीना अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, रिंकू अग्रवाल, स्वीटी दोदराजका, पिंकी विजयवर्गी, श्वेता जलन, श्वेता दूसराजका, नेहा नेवटिया, शिखा दूसराजका, कृष्ण अग्रवाल और दीपा लोढ़ा उपस्थित रहीं.
इस भव्य आयोजन ने सामाजिक एकता, परंपरा और संस्कृति को सुदृढ़ किया और समाज में सौहार्द और समर्पण की भावना को और गहरा किया.
इसे भी पढ़ें : West Singhbhum: गुवा के विभिन्न क्षेत्रों में की गई मां मंगला की पूजा अर्चना, मांगी सुख समृद्धि