Chaibasa: ‘विश्वरूप’ शिव की आराधना में डूबा गुवा, हजारों ने किया जलाभिषेक

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पश्चिमी सिंहभूम:  सावन की अंतिम सोमवारी पर गुवा के तीनों प्रमुख शिवालयों—कुसुम घाट, रेलवे कॉलोनी और योग नगर—में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह 4 बजे से ही जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। श्रद्धालुओं की संख्या देखते हुए गुवा प्रशासन ने सभी शिवालयों में पुलिस बल की तैनाती की। इससे लोगों को बिना किसी परेशानी के दर्शन और पूजा करने का मौका मिला।

कुसुम घाट शिवालय में भोग वितरण
कुसुम घाट स्थित शिवालय में नवयुवक संघ की ओर से दोपहर 12 बजे से खीर और खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने बड़े ही श्रद्धा भाव से भोग ग्रहण किया।

योग नगर शिवालय में तूफान घोष ने कराया भंडारा
बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) के जोनल सेक्रेटरी तूफान घोष की ओर से योग नगर शिवालय में भंडारे का आयोजन किया गया। खीर, खिचड़ी, आलू और चना दाल की सब्जी प्रसाद के रूप में परोसी गई। इस अवसर पर सेल गुवा के मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर समेत कई अधिकारियों ने भी प्रसाद ग्रहण किया। लगभग हजारों की संख्या में श्रद्धालु भंडारे में शामिल हुए।

बाबा लोकनाथ मंदिर में भी बंटा भोग
गुवा रेलवे स्टेशन के पास बाबा लोकनाथ शिव मंदिर में मंदिर संस्थापक कुल बहादुर थापा ने खिचड़ी का भोग वितरण किया। श्रद्धालुओं ने शांतिपूर्ण माहौल में प्रसाद प्राप्त किया।

‘शिव ही सृष्टि हैं’ — पुजारी प्रभात पाणीग्रही
पुजारी प्रभात पाणीग्रही ने कहा, “शिव वह चेतना हैं जहाँ से सब कुछ शुरू होता है और अंत में सब कुछ उन्हीं में समा जाता है। मनुष्य कभी भी शिव से अलग नहीं होता, क्योंकि पूरी सृष्टि उन्हीं में समाहित है। इसी कारण उन्हें ‘विश्वरूप’ कहा जाता है।” उनके साथ नागेन्द्र पाठक, मानस पाणीग्रही, गौतम पाठक, गोविन्द पाठक और केशव पाठक ने भी श्रद्धालुओं को शिव तत्व का महत्व समझाया। गुवा क्षेत्र के हर कोने में सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर उत्साह और भक्ति का वातावरण देखा गया। लोगों ने एकसाथ शिव नाम का उच्चारण किया और भक्ति में लीन रहे।

 

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