
लखनऊ: धर्मांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर जांच में लगातार चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. ताज़ा खुलासा यह है कि छांगुर की टीम ने हिंदुओं को धर्मांतरित करने और देशविरोधी अभियान चलाने के लिए सर्वाधिक धन अयोध्या जिले में खर्च किया. उल्लेखनीय है कि 2023 में बिहार में गिरफ्तार एक एजेंट ने इसकी जानकारी पहले ही दी थी, लेकिन तब संबंधित एजेंसियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
तीन वर्षों में 500 करोड़ की विदेशी फंडिंग, नेपाल बना माध्यम
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार छांगुर को बीते तीन वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई. इनमें से 200 करोड़ की पुष्टि हो चुकी है, जबकि शेष 300 करोड़ का हस्तांतरण नेपाल के माध्यम से किया गया.
काठमांडू सहित नवलपरासी, रुपनदेही और बांके जैसे सीमावर्ती जिलों में करीब 100 बैंक खाते खोले गए. इन खातों में पाकिस्तान, सऊदी अरब, तुर्किए और दुबई से धन भेजा गया. एजेंट चार से पांच प्रतिशत कमीशन पर नेपाल से नकदी निकालकर छांगुर को सौंपते थे. इसमें सीडीएम (कैश डिपॉजिट मशीन) का भी इस्तेमाल किया गया.
साइबर अपराध और हवाला चैनल से कनेक्शन
रायबरेली में पकड़े गए साइबर अपराधियों को भी इसी नेटवर्क का हिस्सा बताया जा रहा है. जांच एजेंसियों के अनुसार, इन अपराधियों ने करीब 700 करोड़ रुपये का लेनदेन किया. अयोध्या के अलावा लखनऊ, बलरामपुर और गोंडा में भी करोड़ों रुपये भेजे गए.
मनी एक्सचेंज और हुंडी सिस्टम से भारत में कैश लाया गया
विदेशी मुद्रा को नेपाल के बैंकों में ट्रांसफर करने के बाद नेपाली करेंसी में नकदी निकाली जाती थी. फिर उसे भारत लाकर बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और सिद्धार्थनगर के मनी एक्सचेंजर्स के माध्यम से भारतीय मुद्रा में बदला जाता था. छांगुर को हवाला के जरिए भी भारी फंडिंग मिली, जिसका कोई रिकॉर्ड एटीएस या अन्य एजेंसियों के पास उपलब्ध नहीं है.
नेपाल से पैसा लाने में बिहार के मधुबनी, सीतामढ़ी, किशनगंज, पूर्णिया, चंपारण और सुपौल के एजेंट शामिल थे.
छांगुर गिरोह का ‘वित्तीय तंत्र’
छांगुर (नवीन रोहरा) के नाम छह बैंक खाते मिले, जिनमें 34.22 करोड़ रुपये जमा हैं.
उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के आठ खातों में 13.90 करोड़ रुपये जमा हुए (फरवरी-जून 2021 के बीच).
छांगुर के नाम एसबीआई सहित छह स्थानीय बैंक खातों में विदेश से 6 लाख रुपये जमा हुए हैं.
दुबई, शारजाह और यूएई के कुछ खातों की जानकारी अब तक सुरक्षा एजेंसियों को नहीं मिल सकी है.
15 वर्षों से चल रहा था धर्मांतरण का अवैध सिलसिला
छांगुर बीते 15 वर्षों से हिंदू युवतियों का धर्मांतरण करवा रहा था. गुरुवार को लखनऊ जेल से उसे और नीतू उर्फ नसरीन को रिमांड पर लेकर एटीएस ने पूछताछ शुरू की. पूछताछ में उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं.
बलरामपुर में अवैध दस्तावेजों की बरामदगी के लिए छांगुर को वहां ले जाया जाएगा. एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि रिमांड के दौरान गिरोह के अन्य सदस्यों और विदेशी संपत्तियों की भी पड़ताल की जा रही है.
ईडी ने छांगुर और उसके सहयोगियों के 40 बैंक खातों की जांच शुरू की है. इसके साथ ही आयकर विभाग से संचालकों के बीते दस वर्षों के टैक्स रिटर्न की जानकारी मांगी गई है.
बलरामपुर की पांच करोड़ की कोठी हुई जमींदोज
बलरामपुर में सरकारी ज़मीन पर बनी छांगुर की पांच करोड़ की आलीशान कोठी को प्रशासन ने बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया. यह कोठी वर्ष 2022 में नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर बनाई गई थी.
40 कमरों वाली यह कोठी सुरक्षा दृष्टि से विशेष रूप से तैयार की गई थी. मुख्य गेट संगमरमर से बना था. इसे गिराने में प्रशासन को तीन दिन लगे.
तीन – चार हजार से अधिक लोगों का कराया धर्मांतरण
एसटीएफ और एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर ने 3,000 से 4,000 हिंदुओं को धर्मांतरित किया. इनमें से करीब 1,500 महिलाएँ बताई जा रही हैं. छांगुर उन्हें अपना “अनुयायी” और “मुरीद” कहता था.
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