
देवघर: सावन मास का पांचवां दिन देवघर के लिए फिर से एक आस्था का पर्व बनकर उभरा है. सुल्तानगंज से बाबाधाम की ओर बढ़ते कांवरियों की अनवरत धारा ने देवघर को पूरी तरह गेरुआ रंग में रंग दिया है. हर ओर ‘बोलबम’ के जयघोष गूंज रहे हैं, और वातावरण शिवमय हो उठा है.
हजारों की संख्या में कांवरिए रोजाना सुल्तानगंज से जल भरकर बाबाधाम के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं. सावन का प्रत्येक दिन यहां आस्था का नया दृश्य लेकर आता है. आज भी कांवरियों का उत्साह देखते ही बनता है.
सरकारी व्यवस्थाओं में दिखा नवाचार
इस वर्ष राज्य सरकार ने श्रावणी मेले को और भी व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सुसज्जित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
- शिकायत-सुझाव क्यूआर सिस्टम: भक्तों की सुविधा हेतु इस बार क्यूआर कोड आधारित शिकायत और सुझाव प्रणाली लागू की गई है, जिससे उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके.
- कोठिया में टेंट सिटी: कांवरियों के ठहराव की व्यवस्था के लिए कोठिया में टेंट सिटी तैयार की गई है, जहां उन्हें मुफ्त आवासीय सुविधा मिल रही है.
मंगलवार तड़के सुबह 3 बजे बाबा बैद्यनाथ मंदिर का पट खोला गया. सर्वप्रथम स्थानीय तीर्थपुरोहितों ने परंपरा अनुसार कांचा जल अर्पित किया. इसके पश्चात सरकारी पूजा संपन्न हुई. आम भक्तों के लिए जलार्पण का सिलसिला सुबह 4.15 बजे से आरंभ हुआ, जो अब दिनभर चलता रहेगा.
भीड़ के बावजूद व्यवस्था में समुचित नियंत्रण देखा जा रहा है. कांवरिए अनुशासित ढंग से कतारों में जलार्पण कर रहे हैं. प्रशासन और स्वयंसेवकों की मदद से भीड़ नियंत्रण और सफाई व्यवस्था भी सुचारू रूप से जारी है.
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