
देवघर: देवघर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. साइबर थाना की टीम ने कुंडा थाना क्षेत्र के चित्तोलोढ़िया जंगल में छापेमारी कर पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो पीएम किसान योजना के लाभुकों और डिजिटल पेमेंट यूजर्स से ठगी कर रहे थे. इनके पास से पांच मोबाइल फोन और आठ सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जिनमें से दो सिम कार्ड पहले से प्रतिबिंब ऐप पर दर्ज शिकायतों से जुड़े हैं.
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई है:
• कमल हसन (कुशमाहा, खागा)
• भोला मंडल (जगाडीह, करौं)
• अजीत दास और संजीत दास (दोनों चोरमारा, सारठ)
• बिट्टू दास (दुधवाजोरी, सारठ)
इस गिरोह के बारे में एसपी सह डीआईजी अजीत पीटर डुंगडुंग को गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद इंस्पेक्टर नागेंद्र प्रसाद सिन्हा और दारोगा विशेश्वर कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन कर कार्रवाई की गई.
ऐसे करते थे ठगी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी तीन प्रमुख तरीकों से ठगी को अंजाम देते थे:
1. सरकारी पदाधिकारी या कस्टमर केयर बनकर ठगी: आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी, एयरटेल पेमेंट बैंक या फोन-पे कस्टमर केयर बताकर पीड़ितों से संपर्क करते थे और गूगल पर फर्जी नंबर अपलोड कर लोगों को भ्रमित करते थे.
2. पीएम किसान योजना के लाभुकों को निशाना बनाना: लाभुकों को फर्जी लिंक भेजकर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लिए जाते थे.
3. फोन-पे, पेटीएम और एयरटेल पेमेंट बैंक के नाम पर ठगी:
o कैशबैक और गिफ्ट कार्ड का झांसा देकर फोन-पे/पेटीएम से पैसे उड़ाए जाते थे.
o एयरटेल पेमेंट कार्ड को बंद कर पुनः चालू कराने के नाम पर लोगों से पैसे वसूले जाते थे.
जांच जारी, गिरोह से जुड़े और लोगों की तलाश
पुलिस ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है जो झारखंड के दूरदराज ग्रामीण इलाकों से ऑपरेट करता था. टीम द्वारा बरामद साक्ष्यों की जांच की जा रही है और इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी गई है. पुलिस ने आम जनता से भी सतर्क रहने और किसी अनजान नंबर से आए कॉल या लिंक पर जानकारी न साझा करने की अपील की है.
इसे भी पढ़ें : Deoghar: 23 अप्रैल को कांग्रेस की विस्तारित बैठक, संगठन सृजन पर होगा मंथन