
डुमरिया: डुमरिया प्रखंड के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष और उपायुक्त को एक आवेदन सौंपा, जिसमें डुमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के चिकित्सकों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
आवेदन में उल्लेख किया गया है कि डुमरिया सीएचसी के डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के कारण वहां रहने वाले लगभग 83,252 ग्रामीणों के स्वास्थ्य की रक्षा में बाधा आ रही है. चूंकि इस क्षेत्र में कोई अन्य अस्पताल या निजी क्लिनिक नहीं है, ग्रामीणों को चिकित्सा के लिए मजबूरन इस केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन, डॉक्टर अक्सर अनुपस्थित रहते हैं, जिससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ता है.
ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. साइबा सोरेन केवल सप्ताह में एक दिन ड्यूटी पर आती हैं, जबकि अन्य दिनों में वे अपनी निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहती हैं. इसी तरह, स्वास्थ्य केंद्र में तैनात लिपिक अनूप कुमार डॉन और प्रखंड लेखा प्रबंधक नरेंद्र कुमार भी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं. दोनों सप्ताह में केवल एक दिन कार्यालय आते हैं, और बाकी दिनों में आराम करते हैं.
आवेदन में यह भी आरोप लगाया गया है कि नरेंद्र कुमार अपनी पत्नी उर्मिला कुमारी को बिना ड्यूटी किए ही वेतन का भुगतान कर रहे हैं. ग्रामीणों ने उपायुक्त से इन लापरवाह और घोटालेबाज कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि डुमरिया वासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.
इस ज्ञापन को सौंपने में सुराई मुर्मू, दुर्गा मुर्मू, कान्दा मुर्मू, मेघराय टुडू, सुरेश हेंब्रम, ठाकुर दास, इंदु राम हेंब्रम, सुमित मुर्मू, फागुन मुर्मू, मोरा हांसदा, जुगू मुर्मू, जसाई हांसदा, नायडू सोरेन, जास्वगज हेंब्रम, आशिक गिरि, दुर्गा मुर्मू, मिरुथ, पेकुलू महतो और डी महतो शामिल थे.
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