
जमशेदपुर: उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान, जिला मत्स्य पदाधिकारी अल्का पन्ना और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे.
लाभुकों का चयन: बायोफ्लॉक और फिश फिड मील
बैठक में बायोफ्लॉक तकनीक और लघु फिश फिड मील के लिए प्राप्त आवेदनों पर चर्चा की गई. जांच के बाद समिति ने दो लाभुकों का चयन किया.
बायोफ्लॉक के लिए चयन: चाकुलिया प्रखंड की दीप्ति पैड़ा.
लघु फिश फिड मील के लिए चयन: गुड़ाबांदा प्रखंड की सुजाता पाल.
बायोफ्लॉक तकनीक: मछली पालन में नई दिशा
पारंपरिक मछली पालन से हटकर बायोफ्लॉक तकनीक में मछलियों को तालाब की बजाय टैंकों में पाला जाता है. किसान अपने खेत, प्लॉट या घर के आसपास तारपोलिन टैंक का उपयोग कर मछली पालन कर सकते हैं.
कम जगह, अधिक मुनाफा: जिन किसानों के पास भूमि सीमित है, वे इस तकनीक से लाभ कमा सकते हैं.
सरकारी अनुदान: सामान्य श्रेणी के लिए 40% और अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला श्रेणी के लिए 60% अनुदान उपलब्ध है.
लघु फिश फिड मील: रोजगार और उत्पादन का साधन
लघु फिश फिड मील की लागत ₹30 लाख है, जिसमें मिनी फीड मिल की स्थापना कर प्रतिदिन 2 टन फिश फिड का उत्पादन किया जा सकता है.
अनुदान व्यवस्था: सामान्य श्रेणी को 40% और अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला श्रेणी को 60% अनुदान दिया जा रहा है.
सकारात्मक प्रभाव: यह परियोजना न केवल किसानों को सशक्त बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी.
योजना का उद्देश्य और दिशा-निर्देश
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और तकनीक आधारित मछली पालन को प्रोत्साहन देना है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि चयनित लाभुकों को योजना का लाभ शीघ्र उपलब्ध कराया जाए और प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए.
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