
गुवा: झारखंड राज्य गठन के दो दशक बीतने के बाद भी अंकुवा मोड़ से चिड़िया माइंस तक की लगभग 5 किलोमीटर लंबी सड़क जर्जर हालत में मृतप्राय बनी हुई है। यह मार्ग अब भी कच्ची सड़क के रूप में मौजूद है, जो ग्रामीणों के लिए दुश्वारियों का कारण बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पार्षद शंभू पासवान ने झामुमो सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व जिला पार्षद शंभू पासवान ने कहा कि झामुमो सरकार बार-बार जल, जंगल और जमीन के नाम पर लोगों को गुमराह करती रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि आज तक मनोहरपुर के किसी भी गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिया गया है।
2012 में शुरू हुआ सारंडा एक्शन प्लान आज भी अधर में है। मनोहरपुर प्रखंड के छोटानगरा, गांगदा, चिड़िया, दीघा, मकरंदा और लेलोहर पंचायतों में विकास की गति लगभग ठप है।

शंभू पासवान ने कहा कि दीघा एवं गांगदा पंचायतों के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कमजोर आधारभूत शिक्षा के चलते युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चे पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन नहीं मिल पाते।”
पूर्व जिला पार्षद ने आरोप लगाया कि सेल चिड़िया माइंस में ‘हैंड माइनिंग मेकैनिज्म’ से काम कराए जाने की जगह मशीनों से कार्य कराया जा रहा है, जिससे मजदूरों को हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों का हक छीना जा रहा है और स्थानीय युवाओं को रोज़गार नहीं मिल रहा।
पासवान ने कहा कि जब पंचायत के जनप्रतिनिधि आवाज़ उठाते हैं, तो भी सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता की आवाज़ को दबा दिया जाता है। भाजपा नेता ने राज्य सरकार से मांग की कि अंकुवा मोड़ से चिड़िया माइंस तक की सड़क का शीघ्र निर्माण कराया जाए। यह मार्ग आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सच में जनकल्याण की इच्छुक है तो उसे इस सड़क के निर्माण की दिशा में त्वरित कदम उठाना चाहिए।
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