जादूगोड़ा: यूसिल की बांदुहुरांग ओपन कास्ट माइंस में विस्थापितों की मांगों को लेकर धरना आज तीसरे दिन भी जारी रहा। लगभग 75 प्रतिशत विस्थापित प्रभावितों को नियोजन देने की मांग कर रहे ग्रामीणों का आंदोलन कंपनी पर गंभीर असर डाल रहा है।
धरने के चलते बांदुहुरांग ओपन कास्ट माइंस में प्रतिदिन लगभग तीन हजार मैट्रिक टन यूरेनियम अयस्क का उत्पादन ठप रह गया है। आंदोलन के चलते कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विस्थापित कमिटी की अध्यक्षा रुक मणि हो और नेता दीपक पड़िया ने आरोप लगाया कि कंपनी प्रबंधन आंदोलन को दबाने के लिए विस्थापितों को आपस में भिड़ा रही है, जिससे विवाद के दौरान तीन लोग घायल हो गए।
विस्थापितों की प्रमुख मांग है कि बांदुहुरांग ओपन कास्ट माइंस में केवल प्रभावित गांवों — जैसे केरुवाडुगरी, बांदुहुरांग और तुरामडीह — के ग्रामीणों को ही प्राथमिकता के साथ नियोजन दिया जाए। हाल ही में नए टेंडर में जादूगोड़ा के व्यापारी प्रदीप अग्रवाल को नियुक्त किया गया है, लेकिन विस्थापित चाहते हैं कि बाहरी लोगों की बजाय स्थानीय प्रभावितों को रोजगार मिले।
धरना देने वाले कमिटी सदस्यों ने क्षेत्रीय विधायक संजिव सरदार से मुलाकात कर अपने आंदोलन का समर्थन मांगा। विधायक ने कहा कि विस्थापितों के हक के साथ उनकी सरकार भी खड़ी है और स्थानीय हितों के लिए हर संभव मदद करेगी।