
जमशेदपुर: झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वर्ष 2021 में जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र में हुए वीभत्स हत्याकांड में दोषी दीपक कुमार की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. दीपक ने अपनी दो नाबालिग बेटियों, पत्नी और ट्यूशन टीचर की निर्मम हत्या की थी. निचली अदालत द्वारा 6 अप्रैल 2023 को सुनाई गई सजा के खिलाफ दीपक की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर श्रेणी का मामला मानते हुए कोई राहत नहीं दी.
केस की पृष्ठभूमि: 12 अप्रैल 2021 की वह भयावह सुबह
कदमा थाना क्षेत्र के तिस्ता रोड स्थित क्वार्टर नंबर 97/99 में चार शव मिलने से सनसनी फैल गई थी. मृतकों में दीपक कुमार की पत्नी वीणा देवी, बेटियाँ दीया कुमारी और सांधी कुमारी तथा ट्यूशन टीचर रिंकी घोष शामिल थीं. दीपक ने अपने साले अंकित पर भी जानलेवा हमला किया था, जो किसी तरह बच निकला.
सीरियल किलर थ्रिलर से उपजा पागलपन
दीपक कुमार टाटा स्टील में फायर सर्विस कर्मचारी था. जांच में सामने आया कि वह ओटीटी सीरीज पाताललोक और असुर से प्रेरित था. हत्या के समय उसने ‘हटोरा त्यागी’ की शैली अपनाई और हथौड़े से हमले किए. पहले पत्नी की हत्या, फिर बेटियों की गला घोंटकर हत्या और बाद में ट्यूशन टीचर को मारने से पहले उसका यौन शोषण — इस क्रम से उसकी मानसिक विकृति और क्रूरता उजागर होती है.
अपराध के बाद की साजिशें और गिरफ्तारी
घटना को अंजाम देने के बाद दीपक ने घर से पत्नी के गहने लेकर एक जौहरी को बेच दिए और सोशल मीडिया से अपनी पहचान मिटा दी. वह राउरकेला होते हुए कैब से धनबाद पहुँचा. पुलिस ने बैंक ट्रांजैक्शन और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसे ट्रेस कर धनबाद के एक बैंक से गिरफ्तार किया.
अभियोजन पक्ष की सशक्त पैरवी
इस मामले में अभियोजन ने 25 गवाहों को प्रस्तुत किया. दीपक को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 376(1) (बलात्कार), 201 (सबूत मिटाना) और 379 (चोरी) के तहत दोषी ठहराया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने भी उचित ठहराया.
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