जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के भुइंयाडीह श्मशान घाट के पास रहने वाले गरीब गुरबा समुदाय की झोपड़ियों और दुकानों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने अचानक तोड़ दिया। जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं सुबोध श्रीवास्तव (जिलाध्यक्ष), अर्जुन यादव (सीतारामडेरा मंडल अध्यक्ष), दिलीप प्रजापति (मंडल महासचिव) और विजय सिंह ने प्रेस वक्तव्य जारी कर इस कार्रवाई की निंदा की।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को अपना आवश्यक सामान निकालने का अवसर तक नहीं दिया, जिससे ये परिवार ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे रह गए।
जदयू नेताओं ने जोर देकर कहा कि गरीब बस्तियों को तोड़ने से पहले वैकल्पिक आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए थी। इससे किसी भी परिवार को बेघर होने से बचाया जा सकता था।
उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2024 में कल्याणनगर समेत कई बस्तियों में एनजीटी के निर्देश पर सैकड़ों मकानों को तोड़ने का नोटिस जारी हुआ था। उस समय भी स्थानीय विधायक सरयू राय ने बस्तीवासियों की मदद की और सुप्रीम कोर्ट तक जाकर मकानों को टूटने से बचाया।
जदयू नेताओं ने बताया कि विधायक सरयू राय हमेशा गरीबों और जनता के हित में खड़े रहे हैं। उन्होंने किसी को बेघर नहीं होने दिया और यह उनकी जनसेवा की कार्यशैली का मूल सिद्धांत है।
अंत में जदयू नेताओं ने जिला प्रशासन से भुइंयाडीह के प्रभावित परिवारों के लिए तुरंत वैकल्पिक आशियाना उपलब्ध कराने की मांग की। उनका कहना है कि ठंड के इस कठिन मौसम में तत्काल राहत न मिलने से गरीब परिवारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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