
सरायकेला: सरायकेला की विश्वप्रसिद्ध छऊ नृत्य परंपरा को नई ऊर्जा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. संस्कृति मंत्रालय और झारखंड सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग के संयुक्त प्रयास से राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र सरायकेला के कायाकल्प की कवायद शुरू हो चुकी है.
60 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद निदेशालय, रांची में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें छऊ नृत्य के संरक्षण और संवर्धन को लेकर कई ठोस निर्णय लिए गए. बैठक की अध्यक्षता निदेशक विवेक जी ने की, जिसमें सरायकेला के कलाकारों और विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया.
बैठक में निर्णय लिया गया कि जर्जर हो चुके कला केंद्र भवन को भवन निर्माण विभाग के सहयोग से ध्वस्त कर एक बहुउद्देशीय सांस्कृतिक भवन बनाया जाएगा. इसके अलावा कला केंद्र में रिक्त पदों के साथ 15 नए पदों के सृजन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी.
छऊ नृत्य से जुड़ी ऐतिहासिक, साहित्यिक और कलात्मक सामग्री को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की दिशा में भी कार्य योजना तैयार की जाएगी. इसके अलावा, पूर्व स्वीकृत पेंशन आवेदकों की राशि निर्गत करने और नए पेंशन आवेदनों के लिए पोर्टल खोलने का भी निर्णय हुआ है.
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी, सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक मनोज कुमार चौधरी, अध्यक्ष भोला महंती, समन्वयक सुदीप कुमार कवि, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त ब्रजेंद्र पटनायक, वरिष्ठ कलाकार नाथू महतो, पूर्व निदेशक तपन पटनायक, कलाकार तरुण कुमार भोल, आशीष कुमार कर, बाउरी बंधु महतो, कवि गोपाल पटनायक, शहनाई वादक सुधांशु शेखर पानी, पारसनाथ पुथाल और अन्य कलाकार व पदाधिकारी शामिल हुए.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: सिर्फ 5 मिनट देर से स्कूल पहुँचने पर 200 उठक-बैठक की सजा, ICU में भर्ती चार छात्राएं