
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को आई भारी गिरावट के बाद मंगलवार की सुबह जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली. शुरुआती कारोबार में ही निवेशकों को महज 10 सेकेंड में 8.47 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. BSE सेंसेक्स 1,189 अंकों की छलांग लगाकर 74,327.37 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी-50 में 371 अंकों की बढ़त के साथ यह 22,532.30 के स्तर पर कारोबार कर रहा था.
हर सेक्टर हरा, सिर्फ TCS लाल निशान पर
बाजार में चारों ओर खरीदारी का माहौल रहा. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भी बढ़त दर्ज की गई. टाटा स्टील, अडानी पोर्ट्स और टाइटन जैसे दिग्गज शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली. हालांकि TCS के शेयर लाल निशान में कारोबार करते रहे.
लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में बंपर उछाल
सोमवार को जहां BSE पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गिरा था, वहीं मंगलवार की सुबह इसमें 8.47 लाख करोड़ रुपये की वापसी हुई. सोमवार को कुल मार्केट कैप 3,89,25,660.75 करोड़ रुपये था, जो मंगलवार को बढ़कर 3,97,73,006.86 करोड़ रुपये हो गया.
टैरिफ का डर, किस पर पड़ा भारी असर?
सोमवार को आई गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ को माना जा रहा है. इससे वैश्विक बाजारों में भी अस्थिरता का माहौल बना हुआ है.
क्या कहते हैं बाजार विश्लेषक?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार ने बताया कि वैश्विक बाजारों में अस्थिरता फिलहाल बनी रह सकती है. उन्होंने कहा, “ट्रेड वॉर का असर केवल अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा. यूरोपीय संघ और जापान जैसे देशों ने बातचीत का रास्ता चुना है, वहीं भारत पहले ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू कर चुका है.”
चीन और अमेरिका के बीच तनाव से वैश्विक कीमतों पर असर
विजयकुमार ने यह भी कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था को इस विवाद से सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. यदि ट्रंप 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी को अमल में लाते हैं तो अमेरिका में चीनी निर्यात लगभग ठप हो जाएगा. ऐसे में चीन अपने मेटल उत्पादों को अन्य देशों में डंप कर सकता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मेटल की कीमतें नीचे आ सकती हैं.
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