
जमशेदपुर: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में उपायुक्त ने मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों और आवासीय विद्यालयों में रिक्तियों के विरुद्ध शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही इन स्कूलों में रिक्त पदों पर शीघ्र विज्ञापन निकालकर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने की भी बात कही.
10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शहरी क्षेत्र के कुछ स्कूलों के खराब प्रदर्शन पर उपायुक्त ने चिंता जताई. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को ऐसे विद्यालयों में शिक्षकों की समीक्षा और गुणवत्ता मूल्यांकन कर ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया. साथ ही बोर्ड परीक्षा में पिछड़े छात्रों के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा की विशेष तैयारी प्रारंभ करने को कहा.
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक नियमित रूप से ई-विद्या वाहिनी ऐप पर उपस्थिति दर्ज करें. साथ ही यह भी हिदायत दी कि विद्यालय अवधि में कोई भी शिक्षक या वार्डन गैर-शैक्षणिक कार्यों में न लगाए जाएं.
उपायुक्त ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ने वाले होनहार छात्रों को नीट, जेईई सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु प्रोत्साहित किया जाए. इसके लिए विशेष पहल की आवश्यकता है ताकि झारखंड के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकें.
मध्याह्न भोजन योजना के तहत दिए जाने वाले भोजन को मेन्यू के अनुसार उपलब्ध कराने, फल और अंडे देने, स्वच्छ रसोई और सुरक्षित किचन स्टोर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. साथ ही रसोइयों को सरकारी योजनाओं जैसे पेंशन आदि से जोड़ने का निर्देश भी उपायुक्त ने दिया.
उपायुक्त ने कहा कि स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की मासिक स्वास्थ्य जांच की जाए. बच्चों की आंख, कान, पोषण, ऊंचाई-भार का नियमित रिकॉर्ड रखा जाए. साथ ही भवनहीन स्कूलों, जर्जर या अनुपयोगी भवनों की अद्यतन रिपोर्ट तैयार कर जिला कार्यालय को सौंपने का निर्देश भी दिया गया.
उपायुक्त ने निर्देशित किया कि स्कूलों में मौजूद लैंग्वेज लैब, आईसीटी लैब, स्टेम लैब, साइंस लैब, स्मार्ट क्लास और पुस्तकालयों की स्थिति की जांच की जाए. छात्रों के हित में इन संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो यह सुनिश्चित किया जाए. ओपन जिम, बेंच-डेस्क, बिजली, पेयजल, शौचालय आदि पर भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई.
गुणवत्ता सुधार और शिक्षण को रोचक बनाने के लिए उपायुक्त ने निर्देश दिया कि शिक्षा में नवाचार के प्रति रुचि रखने वाले शिक्षकों की पहचान कर ‘परिवर्तन दल’ का गठन किया जाए. यह दल अन्य स्कूलों में जाकर शिक्षकों और छात्रों के सहयोग से व्यावहारिक एवं रुचिकर शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देगा.
बैठक में विद्यार्थियों को समय पर पुस्तकें, स्टेशनरी, बैग, जूते और वर्दी उपलब्ध कराने की स्थिति की समीक्षा की गई. छात्रवृत्ति वितरण में बैंक खाता और आधार से संबंधित समस्याओं को बैंक से समन्वय बनाकर समय पर समाधान करने का निर्देश भी दिया गया, ताकि कोई भी छात्र सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे.
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