Jamshedpur: जाम में उलझा शहर, हेलमेट पर निगाह, ट्रैफिक से बेपरवाह प्रशासन, कब मिलेगा राहत का रास्ता?

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जमशेदपुर: शहर के मानगो क्षेत्र में मंगलवार को एक बार फिर लंबा और असहनीय ट्रैफिक जाम देखने को मिला. सुबह और शाम के व्यस्त समय में हजारों वाहन रेंगते हुए सड़कों पर नजर आए. विशेष रूप से डिमना रोड, आजादनगर और पुराना कोर्ट रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर स्थिति अत्यंत विकट रही.

जाम से बेहाल आमजन, नहीं दिखी पुलिस की सक्रियता

स्कूल जाने वाले बच्चों, कार्यालय कर्मियों और रोगियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सबसे चिंताजनक बात यह रही कि इतने भीषण जाम के बावजूद ट्रैफिक पुलिस की कोई प्रभावी उपस्थिति सड़कों पर नहीं दिखी. राहगीरों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस केवल हेलमेट चेकिंग में व्यस्त रहती है, जबकि असल समस्या – ट्रैफिक नियंत्रण – की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

अतिक्रमण, अव्यवस्था और मनमानी से बनी यातायात की दुर्दशा

मानगो में ट्रैफिक जाम कोई नई समस्या नहीं है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण यह अब आम जीवन को अपंग बना रही है. सड़कों पर अवैध पार्किंग, दुकानों का अतिक्रमण और ऑटो चालकों की मनमानी इस समस्या के प्रमुख कारण हैं. मंगलवार को स्कूल की छुट्टी के समय डिमना रोड पर स्थिति इतनी खराब हो गई कि कई अभिभावक बच्चों को लेने पैदल ही स्कूल पहुंचने को मजबूर हुए.

एंबुलेंस भी फंसी, खतरे में जीवन

जाम की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक एंबुलेंस भी सायरन बजाते हुए जाम में फंसी रही. यह न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि आपात स्थिति में जनजीवन को संकट में डालने वाली स्थिति है.

हेलमेट चेकिंग बनाम ट्रैफिक सुधार

जब-जब पुलिस हेलमेट चेकिंग अभियान चलाती है, तब-तब स्थिति और बिगड़ जाती है. वाहन चालकों की लंबी कतारें लग जाती हैं और ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो जाता है. लोगों का कहना है कि पुलिस केवल चालान काटने और नियमों की सख्ती दिखाने में व्यस्त रहती है, लेकिन जाम की समस्या के स्थायी समाधान को लेकर कोई रणनीति नहीं बनाई गई है.

प्रश्न अनुत्तरित हैं: समाधान कब?

शहर की बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के अनुपात में ट्रैफिक प्लानिंग नहीं हो पाई है. यदि समय रहते स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो यह समस्या आने वाले दिनों में और अधिक विकराल रूप ले सकती है. अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन केवल चालान पर ही फोकस करता रहेगा, या शहरवासियों को भी राहत मिलेगी?

 

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