Bihar: चुनावी रणभूमि में उतरा नीतीश कुमार का हाईटेक ‘निश्चय रथ’, जानिए क्या है इसकी खासियत

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पटना:  बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रचार के लिए एक हाईटेक और भव्य ‘निश्चय रथ’ तैयार करवाया है। यह विशेष रथ हरियाणा से बनवाकर लाया गया है और इसका उपयोग वे राज्यभर में रोड शो और योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास के दौरान करेंगे। शनिवार को मधुबनी में मुख्यमंत्री पहली बार इस रथ पर सवार हुए।

बस को रथ का रूप दिया गया है, जिस पर सिर्फ JDU का चुनाव चिह्न है और भाजपा का कहीं जिक्र नहीं। रथ के बाहरी हिस्से पर नीतीश कुमार की तस्वीर लगी है, जिस पर लिखा है — “बहन-बेटियों के सपने साकार, धन्यवाद नीतीश कुमार।”

इस रथ की खासियत इसकी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। आरामदायक सीटों, एसी-हीटिंग सिस्टम, टिंटेड विंडो, हाइड्रोलिक लिफ्ट से लेकर फ्लडलाइट से सुसज्जित छत तक — इसे एक चलते-फिरते चुनावी कार्यालय की तरह डिज़ाइन किया गया है। छत पर सीएम हाइड्रोलिक सिस्टम के जरिए चढ़कर जनता को संबोधित कर सकेंगे।

रथ में चार एडजस्टेबल सीटें, लग्ज़री इंटीरियर, स्टील रेलिंग से घिरी छत, और प्राइवेसी के लिए कर्टन जैसी सुविधाएं भी हैं। इसका रजिस्ट्रेशन हरियाणा का है, ठीक वैसे ही जैसे 2024 लोकसभा चुनाव में मंगवाए गए प्रचार रथ का था।

JDU नेताओं ने साफ किया है कि इस रथ का इस्तेमाल केवल नीतीश कुमार ही करेंगे। वे हेलीपैड से उतरने के बाद उद्घाटन स्थलों और रोड शो के लिए इसी वाहन का प्रयोग करेंगे।

मधुबनी के कार्यक्रम में जहां नीतीश कुमार रथ पर नजर आए, वहीं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मंच पर तो दिखे लेकिन रथ से दूरी बनाए रखी — जो गठबंधन के भीतर कुछ ‘संकेत’ भी दे रहा है।

हाल ही में JDU और भाजपा दोनों के दफ्तरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की साझा तस्वीरें लगाई गई थीं, जिससे एनडीए में एकता का संदेश देने की कोशिश हुई। मगर ‘निश्चय रथ’ पर सिर्फ नीतीश की मौजूदगी कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

वैसे बिहार की राजनीति में रथ कोई नई बात नहीं। VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने भी 2023 में चार करोड़ की लागत वाला भव्य रथ बनवाया था, जिसे मर्सिडीज बस को कस्टमाइज करके तैयार किया गया था। अब नीतीश कुमार का ‘निश्चय रथ’ भी उस रथ पॉलिटिक्स को नई दिशा देता नजर आ रहा है।

नीतीश का यह हाईटेक प्रचार वाहन केवल एक रथ नहीं, बल्कि आने वाले चुनाव में उनके विज़न और नेतृत्व का चलता-फिरता प्रतीक बन गया है।

 

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