
वीर बाल दिवस गौरवशाली बलिदान को दिलाता है स्मरण
घाटशिला : घाटशिला कॉलेज में वीर बाल दिवस मनाया गया. यह दिवस गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की स्मृति में मनाया गया. कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी ने बताया कि सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी. 26 दिसंबर 1705 को अंतिम सिख गुरु गोविंद सिंह के पुत्र बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत हुई थी. वर्ष 2022 से वीर बाल दिवस को अंतिम सिख गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. यह दिवस भारतीय इतिहास के गौरवशाली दिनों को याद करने का एक मौका देता है.
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निबंध प्रतियोगिता आयोजित
उन्होने कहा कि आने वाली पीढियों को सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दिया जा सके. धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जब उन्होंने अपने प्राण न्योछावर किया तब साहिबजादा जोरावर सिंह की उम्र मात्र 9 वर्ष और साहिबजादा फतेह सिंह की उम्र मात्र 6 वर्ष थे. इन दोनों साहिबजादे को पंजाब के तत्कालीन शासक ने दीवार में चुनवा दिया था. इस मौके पर काफी संख्या में छात्र-छात्राओं ने वीर बाल दिवस पर केंद्रित पोस्टर मेकिंग एवं निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इनमें रूपाली मुर्मू को प्रथम, गुरुवारी हेंब्रम को द्वितीय, बिनोती पातर को तृतीय तथा तुलसी धीवर, जयंती महतो, भैरवी मार्डी एवं भानु टुडू के पोस्टर को प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. निबंध प्रतियोगिता में सुलेखा गोराई को प्रथम, लाबो मार्डी को द्वितीय एवं पुनीत चंद्र बास्के को तृतीय स्थान मिला. सभी विजेताओं को प्राचार्य डॉ. आर के चौधरी ने पुरस्कृत किया. प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका डॉ पी के गुप्ता, प्रोफेसर इंदल पासवान, डॉ. संदीप चंद्र, डॉ. एस पी सिंह एवं प्रो. महेश्वर प्रमाणिक ने निभाई. इस मौके पर काफी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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