
पश्चिम सिंहभूम: डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा की सेवानिवृत्त प्राचार्या उषा राय के विदाई के साथ ही विद्यालय में वर्षों से चल रही अव्यवस्थाओं पर परदा उठने लगा है. उनकी विदाई पर जहां कुछ शिक्षक शामिल हुए, वहीं कई शिक्षक खुलकर विरोध में सामने आए. यह विरोध उनके कार्यकाल के दौरान रहे मनमाने रवैये, अनुशासनहीनता और शिक्षकीय कार्यों में लापरवाही के कारण रहा.
डीएवी ललपनिया की छाया में गुवा का संचालन
पूर्व प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार के अनुसार, उषा राय गुवा में पदभार ग्रहण करने से पहले डीएवी ललपनिया में कार्यरत थीं. उन्होंने गुवा में उसी पैटर्न को लागू करने की कोशिश की, जिससे विद्यालय की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई. समय पर विद्यालय न आना, पठन-पाठन में रुचि न लेना और अनियमित संचालन से विद्यालय की छवि धूमिल होती रही.
निगरानी के बावजूद नहीं सुधरी कार्यशैली
बोकारो क्षेत्रीय निदेशक अरुण कुमार अक्सर उनके कार्यों पर नजर रखते थे. कई बार जब प्राचार्या विद्यालय में उपस्थित नहीं होतीं, तो वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोकेशन की पुष्टि करते. यह तकनीक प्राचार्या के लिए एक तनाव का कारण बन चुकी थी, क्योंकि अक्सर वे गलत सूचना देती थीं. विद्यालय की स्थिति बिना इंजन की ट्रेन जैसी हो गई थी – दिशा विहीन और असंगठित.
दवाओं का नेटवर्क और नियुक्तियों में अनियमितता
विद्यालय में एक खास दवा ‘डी थॉर्न’ की बिक्री के लिए नेटवर्किंग जैसा माहौल बनाया गया था. वहीं, शिक्षक नियुक्तियों में अपने जान-पहचान के लोगों को प्राथमिकता देकर आर्थिक लाभ लेने के आरोप भी लगाए गए हैं. कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण कर पद खाली किए गए ताकि नए शिक्षकों की नियुक्ति की जा सके.
वेतन और मेडिकल बिल में देरी, शिक्षकों में रोष
सेल प्रबंधन से खराब संबंधों के कारण शिक्षकों के वेतन और मेडिकल बिल का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा था. विगत एक वर्ष से कई कर्मियों के बिल रुके हुए हैं. हाल ही में एक वरिष्ठ पीजीटी शिक्षक को दरकिनार कर एक जूनियर शिक्षक को ‘सुपरवाइजरी हेड’ का पद दे दिया गया, जिससे और विवाद खड़ा हो गया.
दस्तावेज़ छुपाने का आरोप, पदोन्नति में बाधा
शिक्षकों ने आरोप लगाया कि डीएवी संस्था द्वारा तीन महीने पहले उनकी पदोन्नति और स्थायी नियुक्ति की सूचना भेजी गई थी, जिसे प्राचार्या ने छुपा लिया. जब सूचना दी गई, तब तक शिक्षकों में भारी असंतोष उत्पन्न हो चुका था.
जांच की मांग, शिक्षा स्तर पर उठे सवाल
भाजपा नेता और पूर्व जिला अध्यक्ष गोविंद पाठक ने इन सभी आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा कि उषा राय के कार्यकाल में शिक्षा स्तर में गिरावट आई है. उन्होंने डीएवी संस्था के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. वीर सिंह और अध्यक्ष पद्मश्री पूनम सूरी से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. क्षेत्र के दर्जनों नागरिकों ने भी लिखित रूप से जांच की अपील की है.
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