
देवघर : पालोजोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत दुधानी गांव निवासी 28 वर्षीय मो. मिराज की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग की पांच सदस्यीय टीम मृतक के गांव पहुंची जहां उन्होंने परिजन और ग्रामीणों से पूरी घटना की जानकारी ली. इसके बाद टीम ने देवघर परिसदन में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. जांच दल में आयोग के उपाध्यक्ष प्राणेश सॉलोमन, सदस्य ज्योति सिंह मथारू, इकरारूल हसन, सबिता टूडू और कारी बरकत अली शामिल रहे.
हिरासत में मौत की पुष्टि, रिपोर्ट का इंतजार
पत्रकारों से बातचीत में ज्योति सिंह मथारू ने कहा कि मिराज की मौत पुलिस हिरासत में हुई है. हालांकि मौत का कारण स्पष्ट नहीं है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. जांच में यह सामने आया है कि पुलिस ने मिराज को बिना किसी स्पष्ट आरोप के घर से उठाया और सरेआम पिटाई की.
तीन थानों की भूमिका पर उठे सवाल
आयोग ने पालोजोरी, सारठ और साइबर थाना पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस ने मिराज के साथ बर्बर व्यवहार किया. कई ग्रामीण इस घटना के चश्मदीद गवाह हैं. आयोग ने स्पष्ट किया है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई तय है. हालांकि, दूसरे पक्ष की बातों को भी सुना जाएगा और उसके बाद आधिकारिक निर्णय लिया जाएगा.
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