
देवघर: विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ओर से तीन स्टेशनों को विकसित करने का काम किया जा रहा है। यह काम पूरा हो जाने के बाद एक ओर जहां श्रद्धालुओं को ट्रेन से आवागमन में और सुविधा होगी, वहीं दूसरी इस इलाके से भी लंबी दूरी की ट्रेन चल सकेगी। आसनसोल मंडल के डीआरएम चेतनानंद सिंह ने खास बातचीत के दौरान रेलवे की भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि बाबा बैद्यनाथ को लेकर जसीडीह, देवघर और बासुकीनाथ स्टेशन के विकास पर रेलवे का पूरा फोकस है।
मधुपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के रखरखाव और मेंटेनेंस की सुविधा
डीआरएम ने कहा कि देवघर और बासुकीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और बाबा का आशीर्वाद पाने के लिए देश-विदेश से लोग यहां आ रहे हैं। अलबत्ता रेलवे का उद्देश्य है कि आसपास नए स्टेशन बनाया जाए, जिससे जसीडीह, देवघर और बासुकीनाथ रेलवे स्टेशन में यात्रियों का दबाव कुछ कम हो सके। इसीलिए रेलवे एक हॉलिस्टिक प्लान लेकर चल रही है, जिसमें देवघर रेलवे स्टेशन में भी कोचिंग सुविधा की शुरुआत हो, ताकि वहां से ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें चलाई जा सके। वर्तमान में आसनसोल से ट्रेनें तैयार होकर आती है, जिसके बाद इस इलाके से रेलगाड़ियों का परिचालन होता है। लेकिन मई माह से मधुपुर रेलवे स्टेशन में ट्रेनों के रखरखाव और मेंटेनेंस की सुविधा शुरू हो जाएगी, यहां से भी लंबी दूरी की ट्रेनें चलाई जाएगी।
स्टेशन में बदलाव और नई प्लेटफार्म बनाने की स्वीकृति
डीआरएम ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए महेशमारा के अलावा त्रिकूट और सरैयाहाट के सर्वाधाम हॉल्ट में हॉल्ट की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिली है। डीआरएम ने बताया कि आसनसोल मंडल में बैजनाथ धाम रेलवे स्टेशन काफी पुराना है और यहां से पहले स्टीम इंजन वाली ट्रेनें चला करती थी। उसे समय सेफ्टी का उतना ख्याल नहीं रखा जाता था, नतीजतन बैद्यनाथधाम रेलवे स्टेशन के सामने ले-लाइन काफी नीचे था। इस दुरुस्त के लिए चार माह तक बैद्यनाथधाम रेलवे स्टेशन को बंद कर वहां काम किया गया, जिसमें करीब 10 करोड रुपए खर्च हुए हैं। यह काम लगभग पूरा हो गया है और जसीडीह बाइपास भी इसी में शामिल है। इसमें तत्काल रेल पटरियों को बिछाने के लिए समतलीकरण का काम किया गया है। अब दूसरे चरण में स्टेशन में बदलाव और नई प्लेटफार्म बनाने की स्वीकृति पर जल्द मिलने वाली है जिससे बैद्यनाथधाम स्टेशन एक टर्मिनल बन जाएगा। इसमें अनुमानित खर्च करीब 25 करोड़ रूपया होगा।
सुविधा और सुरक्षा को लेकर रेलवे काफी गंभीर
डीआरएम ने कहा कि आने वाले श्रावणी मेले में रेल यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर रेलवे काफी गंभीर है। इसी सिलसिले में झारखंड के डीजीपी से भी मुलाकात की गई थी, ताकि श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा में किसी तरह की चूक ना रह जाए। इसलिए राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर काम करते हैँ। गत वर्ष श्रावणी मेले में इसी तर्ज पर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा था और इस बार भी इसे लागू किया जाएगा। जिससे सावन में रेल यात्रियों को गत वर्ष से अधिक सुविधा मिलेगी। श्रद्धालुओं के रहने, पेयजल समेत बाथरूम आदि की सुविधा को और दुरुस्त किया जाएगा। गत वर्ष बाथरूम संबंधी कुछ समस्याएं आई थी, जिसे इस बार और बेहतर किया जाएगा। मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाएगा। वहीं ट्रेनों की संख्या पिछले साल की तुलना और अधिक बढ़ाई जाएगी।
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