
देवघर: स्थानीय विलियम्स टाउन स्थित चित्रकूट प्रांगण (पूर्व आईजी केडी सिंह का आवास) में संगीतमय रामकथा का आयोजन किया गया है. इस नौ दिवसीय कथा महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को प्रवचनकर्ता कपिल भाई ने श्रीराम अवतार प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया.
अधर्म के बढ़ते प्रभाव से अवतरित हुए भगवान राम
कपिल भाई ने अपने प्रवचन में कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है और आसुरी, अधर्मी, अभिमानी तत्वों की संख्या बढ़ जाती है, तब सज्जनों की रक्षा और अधर्म के विनाश हेतु भगवान स्वयं अवतार लेते हैं. उन्होंने बताया कि नीति विरोधी और धर्मविरोधी कार्यों से जब देवता, पृथ्वी, ऋषि-मुनि व्याकुल होते हैं, तब उनकी प्रार्थना पर भगवान विष्णु श्रीराम के रूप में अवतरित होते हैं.
नारद का श्राप और मनु-सतरूपा का तप फलित
कपिल भाई ने आगे कहा कि देवर्षि नारद के श्राप के कारण भगवान विष्णु को मनुष्य रूप धारण करना पड़ा. वहीं स्वयंभू मनु और सतरूपा की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर श्री हरि ने उन्हें वरदान दिया कि वे उनके पुत्र के रूप में अवतरित होंगे. उन्होंने उल्लेख किया कि केकई देश के राजा प्रताप भानु, ब्राह्मणों के श्राप के कारण रावण के रूप में जन्मे.
आस्था और भक्ति से गूंजा चित्रकूट प्रांगण
कथा श्रवण के दौरान वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो गया. श्रद्धालु भगवान राम के अवतरण प्रसंग को सुनकर भाव-विभोर हो उठे. आयोजन में रामकथा समिति के अध्यक्ष आरपीएम पुरी, कार्यकारी अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, महामंत्री अंजनी कुमार मिश्रा, संयोजक योगेंद्र नारायण सिंह सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे.
समिति के प्रमुख सदस्यों की उपस्थिति
कार्यक्रम में सचिन पंकज सिंह भदौरिया, उमेश प्रसाद सिंह, कृष्णकांत मालवीय, संतोष कुमार, डॉ. नागेश्वर शर्मा, अवध बिहारी प्रसाद, सुनील कुमार ठाकुर, इंद्रानंद सिंह, श्यामदेव राय, गिरिश प्रसाद सिंह, रीता चौरसिया, ओपी मिश्रा, दिलीप श्रीवास्तव, भुनेश्वर प्रसाद सिंह, जयजयराम सिंह, सियाराम, सखीचंद प्रसाद सिंह, कामानंद सिंह, राम श्रृंगार पांडेय, शंभु प्रसाद वर्मा, आशीष वाजपेयी, अर्जुन प्रसाद सिंह, शिवनंदन सिंह, शशिकांत झा, राधाकांत झा, निशा सिंह, रूबी द्वारी, संध्या, विजया सिंह, अरुण झा, अंबिका प्रसाद सिंह, अलका सोनी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.
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