
पूर्वी सिंहभूम: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड स्थित भालुकबिंधा ग्राम में स्वतंत्रता सेनानी चानकु महतो की प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने इस अवसर पर वीर शहीद चानकु महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह प्रतिमा केवल एक मूर्त स्वरूप नहीं, बल्कि इतिहास की जीवित स्मृति है, जो देशप्रेम की प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएगी.
राज्यपाल ने कहा कि चानकु महतो केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि अधिकारों की रक्षा और जनचेतना के अग्रदूत भी थे. उन्होंने शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाई और संगठित संघर्ष की मिसाल कायम की.
‘आपोन माटी’ का उद्घोष: एक जनक्रांति का प्रतीक
राज्यपाल ने चानकु महतो के प्रसिद्ध नारे “आपोन माटी, आपोन दाना, पेट काटी निही देबञ खजाना” का उल्लेख करते हुए बताया कि यह आंदोलन हूल क्रांति से पूर्व की सबसे बड़ी जनक्रांति मानी जाती है. उन्होंने बताया कि चानकु महतो ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक संगठित संघर्ष आरंभ किया और बाद में सिदो-कान्हु के नेतृत्व में ऐतिहासिक हूल क्रांति में सक्रिय भूमिका निभाई.
राज्यपाल ने यह भी बताया कि उन्हें साहेबगंज जिले के भोगनाडीह में सिदो-कान्हु की जन्मस्थली जाने का अवसर मिला. वहाँ उन्होंने वीर भाइयों के वंशजों से भेंट कर गौरव का अनुभव किया.
नई पीढ़ी से संवाद: शोध और स्मृति का आग्रह
राज्यपाल ने स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत को संजोने की आवश्यकता पर बल देते हुए विश्वविद्यालयों के छात्रों से आग्रह किया कि वे इन महानायकों के गाँवों में जाकर उनके जीवन और संघर्ष पर शोध करें. उन्होंने कहा कि इन गुमनाम वीरों को इतिहास में उचित स्थान दिलाने के लिए शैक्षणिक जगत को आगे आना चाहिए.
आतंकवाद पर कड़ा संदेश: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख
राज्यपाल ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस नृशंस घटना ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया. मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर उनके परिवारों के सामने ही मार दिया गया. प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में घोषणा की कि आतंकियों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा दी जाएगी.
राज्यपाल ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में मौजूद आतंक के ठिकानों और प्रशिक्षण केंद्रों पर सटीक प्रहार किया. उन्होंने कहा कि यह नया भारत है. यह शांति चाहता है, लेकिन मानवता पर हमला होने पर युद्ध के मैदान में दुश्मन को कुचलना भी जानता है. भारत किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन अगर कोई छेड़े, तो उसे छोड़ता भी नहीं.
स्मारक समिति को बधाई
कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने वीर शहीद चानकु महतो स्मारक समिति को इस प्रेरणादायक पहल के लिए बधाई दी. उन्होंने विश्वास जताया कि यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रप्रेम और जनहित में संघर्ष की भावना से ओतप्रोत करती रहेगी.
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