
रामगढ़: 25 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सिविल सर्जन, रामगढ़ डॉ. महालक्ष्मी प्रसाद और जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. तुलिका रानी के नेतृत्व में राजकीय उच्च विद्यालय बंदा गोला में एक दिवसीय जांच शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर में विद्यालय के पानी के सैंपल की भी फ्लोराइड की जांच की गई.
शिविर में कुल 122 बच्चों की जांच
शिविर में कुल 122 बच्चों की जांच डॉ. पल्लवी कौशल, जिला कंसल्टेंट और सीएचओ द्वारा की गई. जांच के बाद 24 बच्चों में फ्लोरोसिस के लक्षण पाए गए. उनके पेशाब के सैंपल लेकर एलटी जीतेन्द्र कुमार ने जांच की, जिसमें 8 बच्चों में फ्लोरोसिस बीमारी की पुष्टि हुई.
फ्लोरोसिस से संबंधित जानकारी
शिविर में बच्चों और स्कूल स्टाफ को फ्लोरोसिस बीमारी से संबंधित जानकारी भी दी गई. डॉ. पल्लवी कौशल ने बताया कि फ्लोरोसिस बीमारी पीने के पानी में अधिक मात्रा में फ्लोराइड के तत्व के कारण होती है. इसके अलावा सेंधा नमक, काला नमक और लाल चाय के सेवन से भी फ्लोरोसिस की संभावना बढ़ सकती है. उन्होंने सलाह दी कि हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टी फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला और दूध से बने पदार्थों का सेवन किया जाए, जिससे शरीर में फ्लोराइड का संचय न हो.
नि:शुल्क जांच की सुविधा
डॉ. पल्लवी ने यह भी बताया कि सदर अस्पताल, रामगढ़ में कोई भी व्यक्ति अपने पीने के पानी और पेशाब की फ्लोरोसिस जांच निःशुल्क करवा सकता है.इस शिविर को सफल बनाने में क्षेत्रीय सीएचओ, सहिया और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का विशेष योगदान रहा.
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