
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के बरसोल क्षेत्र में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को धता बताते हुए बालू का अवैध खनन और भंडारण धड़ल्ले से जारी है। हाल ही में हुई छापेमारी में 2300 क्यूबिक फीट (सीएफटी) अवैध बालू जब्त किया गया। यह कार्रवाई डीसी कर्ण सत्यार्थी के आदेश पर खनन विभाग की टीम ने की।
खनन विभाग की टीम ने बरसोल थाना क्षेत्र में पानीशोल अजंता होटल के पीछे और थाने से कुछ ही दूरी पर भारी मात्रा में अवैध बालू पकड़ा। पुलिस थाने के नजदीक इतना बड़ा भंडारण होना स्थानीय लोगों के बीच कई सवाल खड़े करता है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को इसकी भनक तक न लगना, इस धंधे के हौसले बुलंद होने का संकेत है।
इस मामले में घटबुड़ा गांव के निवासी मानस माइती को जिम्मेदार ठहराया गया है। उनके खिलाफ बरसोल थाने में केस नंबर 26/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कैसे चलता है यह धंधा
सूत्रों के अनुसार, स्वर्णरेखा नदी में पानी घटने पर पानीपड़ा बालू घाट से ट्रैक्टरों के जरिए दिन में बालू निकालकर डंप किया जाता था। फिर देर रात जेसीबी और हाईवा गाड़ियों से इस बालू को पश्चिम बंगाल ऊँचे दाम पर भेजा जाता था।
इस अवैध कारोबार में पानीपड़ा, नागुड़ साईं और बरहागाड़ियां गांव के कई ग्रामीण भी शामिल हैं। वे समूह बनाकर अवैध परिवहन करते हैं और विभिन्न देवी-देवताओं के नाम पर चंदा वसूलते हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरोह के लोग चौक-चौराहों पर तैनात रहकर पुलिस और विभागीय अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। वे व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचना साझा कर छापेमारी से पहले ही सतर्क हो जाते हैं। यह दिखाता है कि यह कारोबार संगठित और योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है।
यह मामला साफ करता है कि एनजीटी की रोक के बावजूद प्रशासन अवैध खनन को रोकने में अभी भी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे संगठित गिरोहों पर नकेल कसने के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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