
व्यापार-कारोबार जगत ने मुद्रा में गिरावट को बताया देश हित के प्रतिकूल
जमशेदपुर डेस्क
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय मुद्रा (रुपये) की निरंतर गिरावट पर कांग्रेस जहां हमलावर है. वहीं भाजपा अर्थव्यवस्था मजबूत होने का हवाला देकर बचाव की मुद्रा में हैं. जबकि व्यापारी-कारोबारी इसे देश की साख से जोड़ते हुए अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का संकेत बता रहे हैं. वर्ष 2013 में कांग्रेस की सरकार में भारतीय मुद्रा के अवमूल्यन होने पर तत्कालीन विपक्ष (भाजपा) ने इसे देश की साख से जोड़ते हुए कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना की थी. 11 वर्ष बाद पुनः यही स्थिति उत्पन्न हुई हैं. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में रुपये में गिरावट पर कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के नेता इसे मोदी सरकार की आर्थिक नीति को फेल बताकर देश की साख निरंतर गिरने की बात कह रहे हैं. जबकि भाजपा बचाव की मुद्रा में मोदी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की बात कहकर अपना बचाव कर रहे हैं. गौरतलब हो कि भारतीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरकर सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया. शुरुआती कारोबार में रुपये ने 27 पैसे टूटकर 86.31 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : टोनी सिंह हत्याकांड मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, देसी पिस्तौल व कारतूस बरामद
भारत की मुद्रा बंगलादेश से नीचे जाना शर्मनाक : आनंद बिहारी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय मुद्रा में निरंतर गिरावट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कहा कि वर्तमान समय में देश की मुद्रा का अवमूल्यन गंभीर बात है. अंरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख गिरी है. इससे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो रही हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है. कहा कि इससे शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती है जब भारतीय मुद्रा की डॉलर के मुकाबले कीमत बंगलादेश से भी नीचे पहुंच गई हैं. उन्होंने कहा कि 70 दिनों में देश का 8.50 लाख करोड़ नुकसान हुआ है. वादे पूरे करने की बजाय मोदी सरकार जुमलेबाजी कर लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह तेजी से गिर रही देश की साख को बचाए.
इसे भी पढ़ें : East Singhbhum: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा बैठक, जानिए जिला समिति ने किन किसानों का किया चयन?
अंतराष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल रुपये में गिरावट का कारण : सुधांशु ओझा

भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि इन दिनों वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल मची हुई हैं. तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में अर्थव्यवस्था का प्रभावित होना लाजिमी है. लेकिन यह क्षणिक है. भारत विश्व की पांचवी अर्थ व्यवस्था से तीसरे पायदान पर पहुंच गया है. यह देश के लिए खुशी की बात है. मोदीजी के नेतृत्व में देश निरंतर आगे बढ़ रहा है. साथ ही वैश्विक स्तर पर भारत की साख बढ़ी हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी की जल्द ही देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर होगा.
रुपया कमजोर होना अर्थव्यव्स्था के दृष्टिकोण से उचित नहीं : मुनका

डॉलर के मुकाबले रूपया कमजोर होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने कहा कि भारतीय मुद्रा में गिरावट देश हित में नहीं है. इससे कहीं न कहीं अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. इसकी मार सबसे ज्यादा निर्यातकों पर पड़ेगी. विदेशों में रहना, घुमना महंगा होगा. श्री मुनका ने भारत सरकार से इस दिशा में कदम उठाने की मांग की. जिससे तेजी से गिर रही भारतीय मुद्रा स्थिर या मजबूत हो सके.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: साकची सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं ने लिया वनभोज का आनंद
केंद्र सरकार अपनी कार्ययोजना सार्वजनिक करे : दीपक कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता सह वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार ने कहा कि रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार नीचे जा रहा है. यानि हमारा मोल लगातार कम हो रहा है. इस पर आम आदमी, वह भी चंद लोग ही कुछ बोलने की स्थिति में हैं. इसे रोकने के लिए भारत सरकार क्या कर रही है? पिछले कई सालों से इसे रोकने के लिए वित्त मंत्री, विदेश मंत्री समेत पीएम किस कार्य योजना पर कार्य कर रहे हैं, यह बात देश को बताना चाहिए. ताकि बाजार संभल सकें तथा सरकार पर लोगों का भरोसा कायम हो सके.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: टाटा स्टील का हैंडबॉल टूर्नामेंट, स्टील मैन्युफैक्चरिंग की टीम बनी विजेता