
जमशेदपुर: मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना के अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम जिले की 57,000 महिलाएं इस महीने भी आर्थिक सहायता से वंचित रह गई हैं. प्रशासन के अनुसार, इन लाभुकों के दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया अभी पूर्ण नहीं हुई है. कई मामलों में एक ही बैंक खाते से दो या तीन महिलाओं को राशि भेजे जाने की शिकायतें सामने आई थीं, जो योजना के नियमों का उल्लंघन है.
पोटका से शुरू हुई अनियमितताओं की जांच
योजना में अनियमितता की शुरुआत पोटका क्षेत्र से मिली शिकायतों के बाद हुई. वहां मुस्लिम आबादी कम होने के बावजूद लाभुकों की संख्या अधिक पाई गई. साथ ही, बंगाल के लोगों के नाम भी सूची में शामिल पाए गए.
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कई महिलाओं की किस्तें एक ही बैंक खाते में भेजी जा रही थीं, जिससे योजना की पारदर्शिता पर सवाल उठे.
जनवरी से एक भी किस्त नहीं, 4 महीने की राशि रुकी
इन 57 हजार महिलाओं को जनवरी 2025 से अब तक एक भी किस्त नहीं मिली है. यानी वे चार महीने की राशि से वंचित हैं. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जब तक दस्तावेजों की सत्यता पूरी तरह प्रमाणित नहीं होती, तब तक इन महिलाओं को राशि नहीं दी जाएगी. जांच प्रक्रिया में अभी दो और महीने लग सकते हैं.
20 हजार महिलाओं को मिल रही है राशि
दूसरी ओर, जांच में सही पाई गई 20,000 महिलाओं को एक साथ चार महीने की यानी 10,000 रुपये की राशि भेजी गई है. इनका केवाईसी और बैंक खाता विवरण अद्यतन पाया गया है. प्रशासन का कहना है कि सत्यापित लाभुकों को योजना का लाभ यथाशीघ्र प्रदान किया जा रहा है.
तकनीकी खामियों से विवादों में घिरी योजना
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2024 में शुरू की गई मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना अब दस्तावेजी गड़बड़ियों और तकनीकी खामियों के कारण विवादों में घिर गई है.
योजना की शुरुआत में प्रति माह 1000 रुपये दिए जाते थे जिसे अब बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह किया गया है. हालांकि, दस्तावेजों की अपूर्णता और खाता जानकारी के अभाव में हजारों महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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