
जमशेदपुर: सिद्धगोड़ा बालाजी मंदिर में चल रहे 28वें ब्रह्मोत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत सुबह 8 बजे लक्ष्मी गणपति होमम से हुई. इस अवसर पर पुरोहितों द्वारा पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न की गई. बालाजी मंदिर के सभी सदस्य इस धार्मिक अवसर पर उपस्थित रहे.
दोपहर बाद, शाम 3 बजे भगवान बालाजी का मूल मंत्र जाप हुआ. इसके बाद, श्री वरही पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें बालाजी समिति के सभापति कमला शर्मा, आर.वाई.एन. राजू और अन्य सभी समिति के सदस्य शामिल हुए.
वरही पूजा का महत्व
कमला शर्मा ने इस मौके पर बताया कि वरही अवतार भगवान विष्णु के 10 अवतारों में तीसरा अवतार है. इस पूजा के आयोजन से धन, स्वास्थ्य और सुख-शांति मिलती है. इसके अतिरिक्त, यह पूजा मानसिक विकारों को दूर करती है, आत्मविश्वास को बढ़ाती है और बुराईयों से मुक्ति देती है. पूजा के माध्यम से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी पापों का नाश होता है.
पूजा की सफलता में योगदान
इस पूजा को सफल बनाने में डी रामु, पदमा, भानु, सोनी, रामादेवी, साधना, लक्ष्मी, उमा, प्रमिला, पार्वती, नूतन, दुर्गा, लता, आरुणा, रानी, इन्नी रवि, प्रसाद राव, मुखुद राव, रवि रामचंद्रान, नरसिंघ राव, रामा टीचर, अप्पा राव जैसे सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई.
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