
रामगढ़: झारखंड प्रदूषण नियंत्रण संघ के संयोजक जय प्रकाश पांडेय ने राज्य में फैलते प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि रामगढ़ जिले सहित पूरे राज्य में प्रदूषण नियंत्रण की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है. राज्य में छोटे-बड़े उद्योग तेजी से स्थापित हो रहे हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की उदासीनता और मनमानी के कारण प्रदूषण पर कोई ठोस नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.
कौन-कौन से उद्योग फैला रहे हैं प्रदूषण?
राज्य में कोयला, सीमेंट, पत्थर, गंधक, एल्युमिनियम और लोहा उद्योग सहित कई औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही हैं. इनसे निकलने वाला धुआं और रासायनिक अवशेष न सिर्फ मानव जीवन बल्कि वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए भी खतरा बन चुका है.
आंदोलन के बावजूद सरकारों की अनदेखी
पांडेय ने बताया कि स्थानीय जनता प्रदूषण के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही है, प्रदर्शन कर रही है, लेकिन राज्य और केंद्र सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही से प्रदूषण बेलगाम हो चुका है, जिससे लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
राजनीतिक नेताओं से शिकायत भी बेअसर
प्रदूषण को लेकर आम जनता ने कई बार हजारीबाग के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा से लेकर राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक को शिकायतें भेजीं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई.
क्या होगा अगला कदम?
जय प्रकाश पांडेय ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य की जनता बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होगी. उन्होंने कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य और केंद्र सरकार पर होगी.
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