
खड़गपुर: रेलवे प्रशासन में नवाचार और परिवर्तन का नया अध्याय शुरू हुआ है। भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ललित मोहन पांडे ने दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वे भारतीय रेलवे यांत्रिक इंजीनियरिंग सेवा (IRS.ME) के 1994 बैच के अधिकारी हैं और पिछले तीन दशकों से रेलवे के विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं।
पांडे के पास रेलवे संचालन, संरचना विकास और रणनीतिक योजना निर्माण का गहन अनुभव है। इससे पहले वे कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में मुख्य कारखाना इंजीनियर, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड में मुख्य सतर्कता अधिकारी, पश्चिम रेलवे मुंबई मंडल के एडीआरएम, बेंगलुरु, चेन्नई, और गोल्डन रॉक वर्कशॉप में यांत्रिक इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे आरडीएसओ में परीक्षण निदेशक भी रह चुके हैं।
खड़गपुर मंडल में पांडे की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब पूर्व डीआरएम के.आर. चौधरी के नेतृत्व में मंडल ने अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं। वंदे भारत और अमृत भारत एक्सप्रेस की शुरुआत, नए यात्री स्टॉपेज, यार्ड रीमॉडलिंग, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, तीसरी लाइन और नए रेल संपर्क जैसे कई कार्य पूरे हुए हैं।
हाल ही में घाटशिला-सलघाझारी तीसरी लाइन, एनवाईए-बेल्डा सेक्शन की नई लाइन, माल परिवहन के लिए धामरा पोर्ट का रेल संपर्क, नए एफओबी और सबवे, यात्री सुविधा के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए गए हैं। तेज़ रफ्तार यातायात के लिए कई स्थायी गति प्रतिबंध हटाए गए हैं और दर्जनों लेवल क्रॉसिंगों को समाप्त कर एलएचएस बनाए गए हैं।
मंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया है— ₹1826.19 करोड़ यात्री किराये से, ₹123.56 करोड़ पार्सल और सामान से, ₹435.2 लाख पार्किंग शुल्क से, और ₹70.21 करोड़ स्क्रैप बिक्री से। इस दौरान ट्रैक, स्लीपर और रेल नवीनीकरण में भी ऐतिहासिक प्रगति दर्ज हुई है।
पांडे के नेतृत्व में खड़गपुर मंडल के कार्यों में और तेजी आने की उम्मीद है। रेलवे बोर्ड और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप, मंडल में अब संरचनात्मक नवाचार, सुरक्षित संचालन और यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
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