
खड़गपुर: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने अपनी पहल ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत मेदिनीपुर और खड़गपुर रेलवे स्टेशनों पर अलग-अलग घटनाओं में दो नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाया। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों को चाइल्डलाइन की देखरेख में सौंप दिया गया।
सुबह करीब 5:25 बजे, मेदिनीपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर पुराने फुटओवर ब्रिज के पास आरपीएफ गश्त कर रही थी। इस दौरान 7 वर्षीय बबलू नाम का बच्चा बेचैनी से भटकता मिला। वह गडबेता, पश्चिम मेदिनीपुर का निवासी है। आरपीएफ कर्मियों ने उसे पोस्ट पर लाकर भोजन और काउंसलिंग उपलब्ध कराई। खड़गपुर चाइल्डलाइन को सूचना दी गई और कानूनी औपचारिकताओं के बाद बच्चे को उनकी देखरेख में सौंपा गया।
खड़गपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर जांच के दौरान आरपीएफ को एक नाबालिग लड़की अकेले भटकती मिली। पूछताछ में वह अपनी पहचान या पता बताने में असमर्थ रही। उसे आरपीएफ पोस्ट ले जाकर भोजन-पानी दिया गया। बाद में चाइल्डलाइन टीम ने दस्तावेजीकरण पूरा कर लड़की को सुरक्षित हिरासत में लिया।
‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ भारतीय रेलवे की पहल है, जिसका मकसद रेलवे परिसरों में असुरक्षित बच्चों की पहचान, सुरक्षा और पुनर्वास करना है। आरपीएफ और चाइल्डलाइन की त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर दिखाया कि बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए सतर्कता और सहयोग बेहद जरूरी है।
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