
नई दिल्ली: राज्यसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस हमले में निर्दोष लोगों को उनके धर्म पूछकर, उनके ही परिवार के सामने मार डाला गया। इसे उन्होंने बर्बरता की हद बताते हुए कड़ी निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
गृह मंत्री ने संसद को बताया कि भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन ‘महादेव’ के तहत इस हमले में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया है। उन्होंने बताया, “ये तीनों – सुलेमान, अफगान और जिबरान – कल के ऑपरेशन में ढेर कर दिए गए। उन्हें रसद पहुंचाने वालों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका था। शवों की पहचान उन्हीं लोगों ने की, जो पहले से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में थे।”
अमित शाह ने कहा, ”मुझे लगा जब यह सूचना पक्ष और विपक्ष के लोग सुनेंगे तो खुश हो जाएंगे, लेकिन इनके (विपक्ष) के चेहरे पर स्याही पड़ गई. आतंकवादी मारे गए, क्या इस बात से खुशी नहीं है. आप आतंकवादियों का धर्म देखकर दुखी नहीं हों.”
संसद का मॉनसून सत्र इस बार भी खासा हंगामेदार रहा है। ऑपरेशन सिंदूर और एक अन्य सुरक्षा योजना ‘SIR’ को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। गृहमंत्री के बयान के बाद सदन में फिर से माहौल गरम हो गया और कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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