
हर माह भरे जाते हैं स्कूल के द्वारा प्रयास मंथली रिपोर्ट
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति रहती थी पचास से 60 प्रतिशत
स्कूलों में 80 से 85 प्रतिशत विद्यार्थियों की हो रही उपस्थित
जिला शिक्षा विभाग ने तैयार की समीक्षा रिपोर्ट
जमशेदपुर : सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे ‘प्रयास’ प्रोजेक्ट के कारण जिले के सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट घटा है. जिसके कारण विद्यार्थियों की उपस्थिति 25 से 30% तक बड़ी है. सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसे लेकर राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. स्कूलों के ड्रॉप आउट विद्यार्थियों को फिर से शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए यह प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. सरकारी स्कूलों से पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके विद्यार्थियों को स्कूल वापस लाने के लिए शिक्षा विभाग अभियान चला रहा है.
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छात्रों का प्रोफाइल किया गया तैयार
छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए छात्र-छात्राओं का प्रोफाइल प्रत्येक स्कूलों में तैयार किया गया. जिसमें छात्र के नामांकन से लेकर सभी आवश्यक जानकारियां इसमें सम्मिलित की गई. बच्चों की उपस्थिति का अवलोकन करने के लिए लगातार तीन दिन अनुपस्थित रहनेवाले छात्रों के नाम के आगे लाल घेरा, 50 प्रतिशत या उससे अधिक अनुपस्थित रहने पर नीला घेरा, पूरे माह अनुपस्थित रहने पर पीला घेरा और पूरे माह उपस्थिति रहने पर हरा घेरा दिया जाता है.
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स्कूलों में 25-30 प्रतिशत बढ़ी छात्रों की उपस्थिति
स्कूलों द्वारा प्रत्येक माह के अंत में प्रयास मंथली रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसे शिक्षा विभाग को भेजी जाती है शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई समीक्षा रिपोर्ट में यह बातें सामने आई है कि प्रयास कार्यक्रम चलाने के बाद से स्कूलों में 15 से 20% तक विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ी है पहले जहां 50 से 60% विद्यार्थी स्कूलों में उपस्थित होते थे वहीं अब विद्यार्थी विद्यार्थियों की उपस्थिति 80 से 85% तक रहती है. इस कार्यक्रम के तहत इसमें हाउस लीडर, विद्यालय के शिक्षक, हाउस कप्तान, बच्चा, हाउस समन्वयक, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य होते हैं, जो सभी बच्चों की नियमित उपस्थिति की निगरानी करते हैं. इसके आधार पर अभिभावक से संपर्क कर अनुपस्थिति की सही जानकारी ली जाती है. उन्हें स्कूल से जोड़ने का प्रयास किया जाता है.
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