
नई दिल्ली: दिल्ली में रेल भवन में आयोजित 154वीं रेलवे बोर्ड राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में भारतीय रेल के विभिन्न क्षेत्रों में राजभाषा के प्रभावी प्रयोग और प्रसार को लेकर सार्थक चर्चा की गई. इस बैठक की अध्यक्षता सतीश कुमार, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड ने की. इस अवसर पर उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपील की कि वे हिंदी के प्रयोग और प्रसार में सक्रिय रूप से भाग लें.
हिंदी के प्रचार और प्रसार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता
सतीश कुमार ने बैठक में कहा, “हम सभी को मिलकर हिंदी के प्रयोग और प्रसार के लिए ठोस प्रयास करने होंगे ताकि हम देशभर में हिंदी का प्रभाव बढ़ा सकें. रेलवे का हर एक कर्मचारी रेल यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए जिम्मेदार है और इसके लिए हमें हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे से संबंधित सभी संरक्षा और सुरक्षा के साहित्य का हिंदी में अनुवाद जरूरी है और हिंदी में मौलिक लेखन पर भी ध्यान देना चाहिए.बैठक के बाद, रेलवे बोर्ड द्वारा विभिन्न रेल कर्मियों और अधिकारियों को राजभाषा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया. इस अवसर पर, पूर्व मध्य रेल को ‘रेल मंत्री राजभाषा शील्ड’ और उत्तर रेलवे को ‘रेल मंत्री राजभाषा ट्रॉफी’ प्रदान की गई.
पुरस्कारों की विविध श्रेणियां
‘आदर्श उत्पादन इकाई’ श्रेणी में बनारस रेल इंजन कारखाना को प्रथम पुरस्कार मिला, जबकि आरडीएसओ लखनऊ को द्वितीय पुरस्कार दिया गया. मंडल श्रेणी में रतलाम मंडल को ‘आचार्य महावीर प्रसाद रनिंग शील्ड’ से सम्मानित किया गया. इस के अलावा, रेल स्प्रिंग कारखाना, उत्तर मध्य रेल को ‘रेल मंत्री राजभाषा शील्ड’ प्राप्त हुआ.
विशेष व्यक्तिगत पुरस्कारों का वितरण
व्यक्तिगत श्रेणी में पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक, सुधीर कुमार गुप्ता को ‘कमलापति त्रिपाठी राजभाषा स्वर्ण पदक’ से नवाजा गया. इसके साथ ही अन्य कई कर्मियों को ‘रेल मंत्री राजभाषा रजत पदक’ से सम्मानित किया गया, जिनमें अमित कुमार अग्रवाल, कल्याण पटनायक, रविलेश कुमार, संजीव तिवारी, और अन्य कई रेलवे अधिकारी शामिल थे.
‘रेल मंत्री हिंदी निबंध प्रतियोगिता’ के विजेताओं को सम्मान
इस आयोजन में ‘रेल मंत्री हिंदी निबंध प्रतियोगिता’ के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए गए. राजपत्रित संवर्ग में संघप्रिय गौतम को प्रथम और पश्चिम मध्य रेल के संजीव तिवारी को द्वितीय पुरस्कार मिला. अराजपत्रित संवर्ग में, पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के राकेश रमन को प्रथम और पूर्व तट रेलवे के आशीष कुमार शाह को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ.
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