सरायकेला: अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के तहत दिव्यांग बच्चों के लिए जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन संत फ्रांसिस विद्यालय, सरायकेला के मैदान में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) कैलाश मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि कैलाश मिश्रा ने कहा कि समाज तब ही विकसित कहलाता है, जब हर बच्चे को समान अवसर मिले। उन्होंने कहा— “समावेशी शिक्षा का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना और उनकी प्रतिभा को पहचान देना है। खेलकूद बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और उनमें नेतृत्व व सहयोग की भावना विकसित करते हैं।”
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अल्का लकड़ा ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को समान अवसर देना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिला समावेशी शिक्षा प्रभारी मनोज कुमार ने कहा— “जरूरत बस सही मंच और अनुकूल माहौल देने की है। आज की प्रतियोगिता बच्चों की क्षमता को सामने लाने का एक मजबूत माध्यम है।’’ उन्होंने बताया कि जिले के सभी विद्यालयों में समावेशी शिक्षा को और मजबूत करने के लिए लगातार पहल जारी है।
संत फ्रांसिस विद्यालय के प्राचार्य फादर एल्विन जोसेफ ने कहा— “अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस हमें याद दिलाता है कि समान अवसर और संवेदनशील माहौल देना सिर्फ सामाजिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मानवता का मूल सिद्धांत है।”
सभी खेलों का संचालन पैरालंपिक और स्पेशल ओलंपिक नियमों के अनुसार तकनीकी टीम ने किया, जिसमें सुमंत कुमार धीर, सामंत, पूनम सिंह, मनोज कुमार महतो, सरिता कुमारी, सुजीत कुमार, सीमा महतो और खेला मुर्मू शामिल थे।
इस अवसर पर सभी प्रखंडों के रिसोर्स शिक्षक, फिजियोथैरेपिस्ट और दिव्यांग बच्चों के अभिभावक उपस्थित रहे।
मंच संचालन शिक्षक जयदेव त्रिपाठी ने किया।