
जमशेदपुर: झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अंतर्गत प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत रविवार को संकुल संसाधन केंद्र, मध्य विद्यालय करनडीह में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस प्रशिक्षण में संकुल क्षेत्र के सभी विद्यालयों से रसोईया सह सहायिकाएं बड़ी संख्या में उपस्थित हुईं और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं को समझा.
प्रशिक्षण सत्र का संचालन संकुल साधनसेवी संजय कुमार ने किया. उन्होंने उपस्थित रसोइयों को संबोधित करते हुए कहा कि “विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाला भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि उनके स्वास्थ्य और विकास का आधार है.” उन्होंने कहा कि भोजन बनाने में स्वच्छता, पोषण संतुलन, और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. साथ ही रसोइयों को भी सजग और सतर्क रहना होगा कि भोजन में किसी प्रकार की लापरवाही न हो.
प्रशिक्षण में दी गई यह महत्वपूर्ण जानकारियाँ
भोजन पकाने और परोसने के स्वच्छ मानक
पोषणयुक्त सामग्री के चयन की विधि
विद्यार्थियों की उपस्थिति और भोजन की मात्रा का संतुलन
रसोईघर और भंडारण की व्यवस्था
आपात स्थिति में क्या करना चाहिए
इस मौके पर दर्जनों रसोईया सह सहायिकाओं ने प्रशिक्षण में उत्साहपूर्वक भाग लिया. इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
मेम महतो, सोनिया मुर्मू, मालती टुडू, लखिया हेंब्रम, सोनिया हेंब्रम, देवकी सोरेन, सिल्गो मानिक, अंजलि सीट, रैयतमत टुडू, मानडे हेंब्रम, सोनामनी किस्कु, पानपति भूमि महतो, सुनीता बेसरा, कल्पना महतो, सुनीता हसदा, मंजू दास, सुशीला हेंब्रम, अधूरी दास, अस्मिता मितल, और ललिता पोद्दार.
प्रशिक्षण के बाद रसोइयों ने कहा कि उन्हें पहली बार इतनी व्यवस्थित और उपयोगी जानकारी मिली है. अब वे भोजन बनाते समय इन बातों का पूरा ध्यान रखेंगी ताकि बच्चे स्वस्थ, संतुलित और स्वादिष्ट भोजन प्राप्त कर सकें.
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