
जमशेदपुर: आदिवासी सुरक्षा परिषद केंद्रीय समिति के बैनर तले, आज एकदिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल का आयोजन किया गया. यह भूख हड़ताल पूर्वी सिंहभूम के उपयुक्त कार्यालय में केंद्रीय अध्यक्ष रमेश हांसदा और महानगर अध्यक्ष राम सिंह मुंडा जी के नेतृत्व में हुई. केंद्रीय अध्यक्ष रमेश हांसदा ने राज्य सरकार से पेसा कानून 1996 की नियमावली को शीघ्रता से तैयार कर, अनुसूचित क्षेत्रों में लागू करने की मांग की. उनका कहना था कि पेसा कानून के लागू होने से झारखंड के शेड्यूल्ड क्षेत्रों में ग्राम सभा को सशक्त किया जा सकेगा. उन्होंने झारखंड के सभी विधायकों से अपील की कि पेसा कानून को विधानसभा में उठाएं और इसे लागू कराएं.
सरकार की नीयत पर सवाल
भूख हड़ताल को संबोधित करते हुए राम सिंह मुंडा ने कहा कि झारखंड सरकार की नीयत आदिवासी समुदाय के प्रति ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार की मंशा सही होती तो “आबुआ दिशूम राज” का नारा देकर सत्ता में आई सरकार, पेसा कानून को लागू करने में कोई देर नहीं करती. खरसावां जिला अध्यक्ष सीताराम हांसदा ने सुझाव दिया कि झारखंड के प्रत्येक विद्यालय में ऑल चिकी संथाली और हो भाषा वारंग छीती लिपि से क्लास 1 से लेकर 5वीं तक पढ़ाई शुरू की जाए और इसके लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाए. भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष काजू सांडील ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार आदिवासियों को ठगने का काम कर रही है. उनका कहना था कि सरकार आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन कर रही है.
भूख हड़ताल में भाग लेने वाले प्रमुख नेता
इस भूख हड़ताल कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रमेश हांसदा, राम सिंह मुंडा, काजू सांडील, ममता भूमिज, सीताराम हांसदा, मनसा मुर्मू, वीर सिंह मुर्मू, कृष्ण टुडू, कार्तिक लकड़ा, मालती हेंब्रम, पार्वती मारडी, सोनाराम हेंब्रम आदि ने भाग लिया. इसके अतिरिक्त बाबूराम मरांडी, स्वप्न कुमार महतो, शंकर, राजेश कुमार महतो, गणेश सरदार और कई अन्य नेता भी उपस्थित थे.

राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का निर्णय
भूख हड़ताल के दौरान एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम से मुलाकात की और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. भूख हड़ताल के समापन में बीजेपी जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा और जिला उपाध्यक्ष बबुआ सिंह, डॉ. राजीव और गजेंद्र सिंह ने भूख हड़ताल पर बैठे सभी नेताओं को जूस पिलाकर इस कार्यक्रम का समापन किया.
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