
राँची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के आह्वान पर सरना धर्म कोड को जनगणना प्रपत्र में शामिल करने की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में जमशेदपुर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे के नेतृत्व में राँची पहुंचे. धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने की. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के प्रदेश प्रभारी के. राजू, राज्य सरकार में मंत्री राधाकृष्ण किशोर, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, डॉ. इरफान अंसारी, डॉ. प्रदीप कुमार बलमुचू समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे.
‘सरना कोड हटाना आदिवासी अस्मिता पर प्रहार’ – कांग्रेस
धरना को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार योजनाबद्ध ढंग से आदिवासियों की अस्मिता और पहचान को मिटाने का प्रयास कर रही है. नेताओं ने कहा कि जनगणना प्रपत्र से सातवां कॉलम (जिसमें सरना धर्म कोड अंकित किया जाता था) हटा दिया गया है, जो आदिवासी समुदाय के साथ अन्याय है.
मांगपत्र के माध्यम से उठाई संविधानसम्मत मांग
प्रदेश प्रभारी के. राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने स्पष्ट किया कि सरना धर्म कोड को मान्यता देना संविधान के अनुरूप है और इससे आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा संभव होगी. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के आधार पर ही समावेशी विकास सुनिश्चित हो सकता है, किंतु केंद्र सरकार आदिवासी विरोधी मानसिकता के तहत इस कॉलम को हटाने पर तुली है.
जमशेदपुर से इन नेताओं ने दी उपस्थिति
धरना में जमशेदपुर से जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, प्रदेश सचिव के. के. शुक्ल, अमरजीत नाथ मिश्र, काल्टू चक्रवर्ती, परविंदर सिंह, कमलेश कुमार पाण्डेय, देबु चटर्जी, नलिनी कुमारी, रानी राव, रश्मि निगार, सन्नी सिंह, सचिन कुमार सिंह, निखिल कुमार समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए.
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