
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मौसम में सियासत हर दिन करवट ले रही है. आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. उन्होंने ऐलान किया है कि वे महुआ सीट से इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. इस फैसले से आरजेडी खुद असहज दिख रही है.
जब उनके छोटे भाई और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से इस मुद्दे पर मीडिया ने सवाल पूछा, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. उन्होंने बस इतना कहा—”कितनी पार्टी बनती है…” और आगे कुछ बोले बिना वहां से चले गए.
तेजस्वी के इस ठंडे जवाब से पार्टी के भीतर खींचतान के संकेत और भी गहरे हो गए हैं. तेज प्रताप यादव कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि वे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, लेकिन उनका तरीका अक्सर पार्टी के लिए उलझन पैदा कर देता है.
तेज प्रताप खुद को संगठन से अलग साबित करने में जुटे हैं. बीते रविवार को उन्होंने मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा क्षेत्र के बोरवारा में जन संवाद कार्यक्रम किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर जनसभा की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा—
“अब राज्य में सामाजिक न्याय, सामाजिक हक़ और सम्पूर्ण बदलाव को मजबूत करना है.”
तेज प्रताप का फोकस अब खुद को नए रूप में पेश करने पर है. वे जहां-तहां जाकर लोगों से मिल रहे हैं, बैठकें कर रहे हैं और जनता से सीधे संवाद बना रहे हैं.
महुआ सीट आरजेडी के खाते में है और वर्तमान में वहां से मुकेश रोशन विधायक हैं. तेज प्रताप इसी सीट से 2015 में आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत चुके हैं. अब वे फिर से वहीं से किस्मत आजमाना चाहते हैं—इस बार पार्टी से अलग होकर.
तेज प्रताप का ये कदम न सिर्फ आरजेडी के भीतर हलचल मचाने वाला है, बल्कि यह संकेत भी है कि चुनावी मौसम में परिवार से बड़ी हो चुकी है उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा.
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