
सरायकेला: सावन की तीसरी सोमवारी पर कला नगरी सरायकेला भक्ति और आस्था से सराबोर हो उठी. ऐतिहासिक कुदरसाही घाट स्थित बाबा बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में जलार्पण के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. तीन अलग-अलग टोलियों—अपना चौक, भैरव संघ और राजबांध—द्वारा निकाली गई भव्य कांवर यात्राओं ने पूरे शहर को बोल बम के नारों से गुंजायमान कर दिया।
हजारों श्रद्धालुओं ने संजय नदी से पवित्र जल भरकर लगभग 10 किलोमीटर की यात्रा पैदल तय की. नंगे पांव, कंधे पर कांवर लिए श्रद्धालु पूरे जोश और नृत्य के साथ डीजे की धुन पर झूमते हुए बाबा भोलेनाथ के जयकारे लगाते नजर आए। यात्रा की अंतिम मंजिल थी बाबा बुद्धेश्वर महादेव का मंदिर, जहां जलाभिषेक कर श्रद्धालुओं ने शांति, सुख और समृद्धि की कामना की।
इस दौरान पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की थी। रास्ते भर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए थे, जहां श्रद्धालुओं को जलपान और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाएं मिल रही थीं।
सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी खुद सेवा में जुटे थे। उन्होंने बताया कि बाबा बुद्धेश्वर नाथ की महिमा अपरंपार है। मान्यता है कि सावन की तीसरी सोमवारी पर यहां जल अर्पण करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और हर साल हजारों लोग इसे निभाने आते हैं।
इस बार की यात्रा को खास बनाने के लिए जमशेदपुर से विशेष कलाकार बुलाए गए थे। बलदेव, त्रिपान्ना बनर्जी और मनप्रीत कौर की टीम ने पूरे मार्ग में भक्ति गीतों और प्रस्तुति से कांवरियों का उत्साह बढ़ाया।
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कांवर उठाई, सावन की भक्ति में डूबा जमशेदपुर