
सरायकेला : सत्यनारायण सोसियो इकोनोमिक रिसर्च सेंटर को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है. संस्था की गवर्निंग बॉडी के सदस्य बनमाली हांसदा और कार्यकारिणी सदस्य बबलू सोरेन ने सचिव सत्यनारायण मुर्मू पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
इन दोनों सदस्यों का कहना है कि संस्था को तीन वर्षों से बिना किसी सूचना या पारदर्शिता के चलाया जा रहा है. आरोप है कि सचिव ने अब तक संस्था का वार्षिक ऑडिट न तो सरकार को सौंपा और न ही किसी सदस्य को कोई जानकारी दी.
उनका यह भी कहना है कि सचिव द्वारा किए जा रहे अधिकतर कार्यक्रम मनमाने ढंग से होते हैं, जिनमें संस्था के नियमों और बायलॉज की पूरी तरह अनदेखी की जाती है.
सबसे गंभीर आरोप जमीन की खरीद-बिक्री में धांधली और संस्था के फंड के दुरुपयोग को लेकर हैं. सदस्यों ने यह भी कहा कि सचिव ने Societies Registration Act 1860 के अंतर्गत बने नियमों का कोई पालन नहीं किया और संस्था की साख को गंभीर नुकसान पहुंचाया है.
इस्तीफे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि वे सचिव की कार्यशैली से बेहद असंतुष्ट हैं. उनका मानना है कि सचिव का तरीका न केवल संस्था को बदनाम कर रहा है, बल्कि बाकी सदस्यों को भी भविष्य में कानूनी मुसीबत में डाल सकता है.
अब सवाल है कि संस्था की पारदर्शिता और संचालन को लेकर क्या कार्रवाई की जाएगी. सदस्यों की यह नाराज़गी केवल इस्तीफे तक सीमित रहेगी या आगे जांच और प्रशासनिक दखल की मांग भी उठेगी — इस पर सबकी निगाहें टिक गई हैं.
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