सरायकेला: भारतीय नारी शक्ति, उनकी प्रेरणा और लोक कल्याणकारी भूमिका को सम्मानित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय, शांतिकुंज में शनिवार को सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री से सम्मानित समाजसेवी छूटनी महतो, और मुख्य वक्ता के रूप में जमशेदपुर वार्ड पार्षद एवं समाजसेवी कविता परमार उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का उद्घाटन मंचासिन अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का परिचय और कार्यक्रम का प्रस्तावना प्रस्तुत किया गया।
मुख्य वक्ता कविता परमार ने कुटुंब प्रबोधन की भारतीय दृष्टि पर अपने विचार साझा किए। उनका कहना था कि सुखी और स्वस्थ परिवार ही शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज की कुंजी है। यह गतिविधि परिवारों को सांस्कृतिक, पारंपरिक और सामाजिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास है और परिवारों को साथ बैठकर चर्चा करने के लिए प्रेरित करती है।
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मुख्य वक्ता शालिनी दीदी ने महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, कृषि और शासन सहित कई क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही हैं, जिससे मजबूत और विकसित भारत बनाने में मदद मिल रही है।
इस अवसर पर विशिष्ट माताओं को भी सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि छूटनी महतो ने अपने वक्तव्य में कहा कि जीवन में संघर्ष का महत्व बहुत बड़ा है। उन्होंने बताया कि अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्होंने पद्मश्री सम्मान तक का सफर तय किया। उनका संदेश था कि स्वयं पर भरोसा रखें और कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहें, मार्ग अपने आप प्रशस्त हो जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में आशा दीदी ने आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर विद्या विकास समिति के प्रदेश सचिव नकुल कुमार शर्मा , जमशेदपुर विभाग प्रमुख तुलसी प्रसाद ठाकुर, सह विभाग प्रमुख बिरेन टुडू, बागबेड़ा शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य रंजय, साथ ही आसपास के महाली मुरूप, बुरूडीह और बड़ाबंबो के प्रधानाचार्य, और कई माताएं व दीदी जी उपस्थित रहीं।
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