
बहरागोड़ा: बहरागोड़ा प्रखंड के विभिन्न गांवों में रविवार को पारंपरिक उल्लास और गहरी आस्था के साथ आषाढ़ी पर्व मनाया गया। बांग्ला पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के पहले दिन मनाया जाने वाला यह पर्व क्षेत्र की कृषि संस्कृति और पर्यावरणीय आस्था से गहराई से जुड़ा है।
गोहोलामुड़ा, मानुसमुड़िया, बरासती, पांचरुलिया, जयपुरा, दारिशोल, पारुलिया, भागाकुली, भूतिया, पाथरा, खांडामौदा, आडंग, मसड़ा, झांजिया और जगन्नाथपुर जैसे गांवों में श्रद्धालु मनसा देवी, ग्राम देवती और अन्य देवी मंदिरों में उपवास रखकर पूजा-अर्चना में लीन दिखे।
स्थानीय जनों के अनुसार यह पर्व झारखंड की एक प्राचीन कृषिपरक परंपरा है। इसे अच्छी वर्षा, समृद्ध फसल और गांव को रोग-दुःख से मुक्ति की प्रार्थना स्वरूप मनाया जाता है। यह पूजा पौधरोपण के आरंभ से पहले की जाती है, जिससे प्रकृति और खेती के प्रति श्रद्धा व्यक्त हो सके।
कुछ स्थानों पर परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए बकरा, मुर्गा, बतख व कबूतर की बलि भी दी गई। पूजा के अंत में भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया, जिससे सामूहिकता और भक्ति की भावना और सशक्त हुई।
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