
जमशेदपुर: जमशेदपुर की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ‘जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद्’ के तत्वावधान में तथा सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन और तुलसी भवन के विशेष सहयोग से प्रसिद्ध कवयित्री शकुंतला शर्मा की भोजपुरी गीत-संग्रह ‘पिरितिया के डोर’ का लोकार्पण समारोह तुलसी भवन स्थित मानस सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमर सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा मोटर्स के पूर्व उप महाप्रबंधक डॉ. चन्देश्वर खां तथा तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी ने मंच की शोभा बढ़ाई। समारोह की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मुनका ने की, जबकि संचालन डॉ. यमुना तिवारी ‘व्यथित’ द्वारा सरस शैली में किया गया।
लोकार्पण से पहले दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ। इसके उपरांत श्री राजेन्द्र साह ‘राज’ द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने वातावरण को आध्यात्मिक भाव से भर दिया। स्वागत भाषण परिषद् के अध्यक्ष डॉ. प्रसेनजित तिवारी ने प्रस्तुत किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन परिषद् के प्रधान सचिव डॉ. अजय कुमार ओझा ने किया। पुस्तक लोकार्पण के बाद साहित्यकार दिव्येन्दु त्रिपाठी ने ‘पिरितिया के डोर’ पर विस्तार से विचार रखे। कवयित्री शकुंतला शर्मा के साहित्यिक जीवन की प्रेरक झलक माधवी उपाध्याय ने आकर्षक शैली में प्रस्तुत की, वहीं डॉ. यमुना तिवारी ‘व्यथित’ ने उसे काव्यात्मक स्वरूप दिया।
भोजपुरी में गूंजे भाव
मुख्य अतिथि डॉ. अमर सिंह ने कहा, “यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं पहली बार मंच से भोजपुरी में बोल सका।” मैथिलीभाषी डॉ. चन्देश्वर खां और राजस्थानी मूल के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मुनका ने भी भोजपुरी में अपने विचार रखकर इस भाषा के प्रति अपने लगाव को दर्शाया। इस सांस्कृतिक अवसर पर शहर के शताधिक साहित्यकारों, कवियों, सुधी जनों और भोजपुरी प्रेमियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने पुस्तक के प्रति अपना स्नेह और सराहना व्यक्त की।
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