
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो संस्थापक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा,
“गुरुजी हमारे आंदोलन के प्रणेता थे। उनके जाने से पूरे राज्य में शोक का माहौल है। उन्होंने हमें लड़ना सिखाया, लड़ाई का रास्ता दिखाया।”
दवेंद्रनाथ महतो ने मीडिया से बात करते हुए याद किया कि ‘60-40 आंदोलन’ के दौरान वह खुद शिबू सोरेन से मिले थे। उन्होंने कहा,
“जब हमने लिखित ज्ञापन सौंपा था, तब गुरुजी ने हमारे सिर पर हाथ रखकर आंदोलन की कई ज़रूरी बातें बताई थीं। आज भी वो क्षण मेरे मन में जिंदा हैं। उन्होंने हममें आत्मविश्वास और विचारों की मशाल जलाई थी।”
महतो ने कहा कि वह आज भी गुरुजी के विचारों से प्रेरित होकर झारखंड के स्थानीय अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा,
“गुरुजी ने सिर्फ राजनीति नहीं की, उन्होंने झारखंड के आत्मसम्मान के लिए जीवन भर संघर्ष किया। हम सबको उनकी सोच को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी निभानी होगी।”
ज्ञात हो कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन पिछले कई दिनों से किडनी और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। उनका इलाज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में चल रहा था। आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। शिबू सोरेन के निधन से न केवल झारखंड, बल्कि देशभर में आदिवासी और जनआंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं के बीच शोक की लहर दौड़ गई है।
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