
सरायकेला: ईचागढ़ प्रखंड के बांदु गांव स्थित टोला डुंगरीडीह में फैले डायरिया के संक्रमण में अब धीरे-धीरे राहत मिलती दिख रही है. जहां पहले 24 लोग इस बीमारी की चपेट में थे, अब केवल 4 मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 2 मरीज दुर्गा किस्कू और दिनेश किस्कू पहले से इलाजरत हैं, जबकि रविवार को सुफल किस्कू और गुरुबारी किस्कू को भी भर्ती कराया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी अस्पताल में दवाओं की भारी कमी है. मरीजों को दवा निजी दुकानों से खरीदनी पड़ रही है, जिससे गरीब और आदिवासी वर्ग पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष चिकित्सा कैंप लगाया जाए और विलेजिंग पाउडर का छिड़काव कर संक्रमण की रोकथाम सुनिश्चित की जाए.
लगातार हो रही बारिश के चलते गांवों में जलजमाव और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. नलकूप खराब होने और साफ पेयजल की कमी के कारण ग्रामीण कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे डायरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं. ग्रामीणों ने शुद्ध पेयजल व्यवस्था और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान की मांग की है.
ईचागढ़ स्वास्थ्य केंद्र में अब तक कुल 14 मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से 10 को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई है. हालांकि स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला.
स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लिया है, परंतु ग्रामीणों में सरकार की निष्क्रियता को लेकर नाराजगी है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा दावा योजनाओं के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर दवाओं और सुविधाओं का अभाव है.
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