कभी नहीं मिल रहे थे फाइनेंसर, अब NDA की स्पेशल स्क्रीनिंग में अनुपम खेर की ‘Tanvi The Great’ को मिला स्टैंडिंग ओवेशन

Spread the love

पुणे:  प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर अपनी आगामी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ की रिलीज को लेकर तैयार हैं. इससे पहले फिल्म की पहली स्क्रीनिंग पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में आयोजित की गई, जहाँ 25,000 कैडेट्स और सैन्य अधिकारियों ने खड़े होकर तालियों के साथ फिल्म का स्वागत किया.

इस भावुक क्षण को अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा— “मेरे 40 साल के करियर का यह सबसे यादगार पल है. जब एनडीए में मेरी फिल्म को स्टैंडिंग ओवेशन मिला, मेरी आंखों में आंसू थे– खुशी और कृतज्ञता के.” इस विशेष मौके पर अभिनेता बोमन ईरानी और अभिनेत्री शुभांगी दत्त भी मौजूद रहीं, जिन्होंने फिल्म में प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं.

क्या है ‘तन्वी द ग्रेट’ की कहानी?
‘तन्वी द ग्रेट’ एक ऑटिज्म से ग्रसित युवा लड़की तन्वी रैना की प्रेरक कहानी है, जो भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखती है. वह अपनी मां और दादा के साथ रहती है, और अपने दिवंगत पिता समर रैना की स्मृति से प्रेरणा पाती है, जो एक सैनिक थे. फिल्म 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. यह फिल्म न केवल आत्मबल की कहानी है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन सकती है.

23 साल बाद निर्देशन में क्यों लौटे अनुपम खेर?
अनुपम खेर ने बताया कि उन्होंने यह फिल्म इसलिए निर्देशित की क्योंकि यह एक “अच्छाई की कहानी” है.

उनके शब्दों में— “आज के समय में अच्छाई भी दुर्लभ लगती है. यह कहानी जब पढ़ी, तो महसूस हुआ कि इसे बिना बनावटीपन के पेश करना जरूरी है. यही वजह रही कि निर्देशन खुद किया, ताकि दिल और इरादे दोनों की सच्चाई बनी रहे.”

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी स्टूडियो या फाइनेंसर का समर्थन नहीं मिला. “न पैसा था, न कोई साथ देने वाला. लेकिन सपना साफ था, इसलिए खुद ही प्रोड्यूस करने का फैसला लिया.”

समर्थन न मिलने पर क्या हुआ?
अनुपम खेर ने बताया कि एक नामी फाइनेंसर से मिलने गए तो पहले तारीफ मिली, लेकिन अगले दिन जवाब मिला— “चाय पिला सकता हूं? न्यूज अच्छी नहीं है.”

खेर ने जवाब में कहा— “न चाय, न न्यूज. आपकी चाय भी ज़हर लगेगी अब.” इसके बाद उन्होंने अकेले ही फिल्म बनाने का निर्णय लिया.

उन्होंने स्वीकार किया कि समर्थन न मिलने से वह टूटे, पर वहीं से जिद ने जन्म लिया. “जब वही लोग प्रीमियर पर आकर फिल्म देखते हैं, तो लगता है जवाब दे दिया. मैं अब भी अपनी जिम्मेदारी खुद उठाता हूं और मुझे यही पसंद है.” अनुपम खेर ने माना कि फिल्म बनाना कठिन था, खासकर जब यह कोई “सेफ” या “मसाला” फिल्म नहीं थी. “सबको लगा कि कंटेंट वाली फिल्म नहीं चलेगी. लेकिन मुझे दर्शकों की समझ पर भरोसा है. अगर आप अच्छा परोसें, तो लोग जरूर खाएंगे.” उन्होंने बताया कि फरहान अख्तर ने फिल्म देखने के बाद कहा— “इसमें एक भी फॉल्स नोट नहीं है” और यही उनके लिए सबसे बड़ी जीत थी.

 

इसे भी पढ़ें :

Bhojpuri Song: ‘हल्ला हो जाई’ से मच गया भोजपुरी गीतों में नया हल्ला, तोमर और खुशबू की जोड़ी ने फिर रच दिया जादू

Spread the love
  • Related Posts

    Bahubali The Epic: बाहुबली की दसवीं वर्षगांठ पर मेकर्स का भव्य तोहफा, दुबारा रिलीज़ होगी ब्लॉकबस्टर फिल्म

    Spread the love

    Spread the loveमुंबई: भारतीय सिनेमा की ऐतिहासिक ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बाहुबली: द बिगिनिंग’ के 10 वर्ष पूरे होने पर मेकर्स ने फैंस को एक शानदार उपहार दिया है. एस.एस. राजामौली द्वारा…


    Spread the love

    Humaira Asghar Death: 8 महीने से सड़ रही थी पाकिस्तानी अदाकारा की लाश – लग चुके थे कीड़े, पिता और भाई ने शव लेने से किया इनकार

    Spread the love

    Spread the loveकराची: पाकिस्तानी टीवी इंडस्ट्री की एक उभरती अदाकारा हुमैरा असगर की मौत ने पूरी मनोरंजन दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. उनकी सड़ी-गली लाश कराची स्थित उनके…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *