NAAC Accreditation: कॉलेजों की मान्यता में अब AI की एंट्री, दस्तावेज और डेटा तय करेंगे कॉलेज की हैसियत

Spread the love

नई दिल्ली:  भारत में कॉलेज और विश्वविद्यालयों को मान्यता देने वाली संस्था राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) अगस्त 2025 से मान्यता प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब किसी संस्थान के कैंपस में टीम नहीं भेजी जाएगी, बल्कि दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से मूल्यांकन किया जाएगा।

NAAC के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे के अनुसार, यह बदलाव प्रक्रिया को तेज करेगा और अगले पांच वर्षों में देश के 90% कॉलेजों को मान्यता देने का लक्ष्य आसान हो सकेगा। वर्तमान में सिर्फ 40% विश्वविद्यालय और 18% कॉलेज ही मान्यता प्राप्त हैं।

नई प्रणाली में संस्थानों की जांच पूरी तरह दस्तावेजों पर आधारित होगी। दो स्तर की मान्यता व्यवस्था लाई जा रही है — एक बुनियादी और दूसरी परिपक्वता आधारित। अब पहले जैसे आठ ग्रेड नहीं होंगे, बल्कि “मान्यता प्राप्त” या “मान्यता नहीं प्राप्त” दो ही विकल्प होंगे।

विश्वविद्यालयों को मान्यता के लिए 55, स्वायत्त कॉलेजों को 50 और संबद्ध कॉलेजों को 40 मापदंडों पर खरा उतरना होगा। न्यूनतम अंक क्रमश: 50%, 45% और 40% निर्धारित किए गए हैं। दस्तावेज सही पाए जाने पर संस्थान को अगली ग्रेडेड व्यवस्था में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिसमें स्तर 1 से 5 तक पांच अलग-अलग ग्रेड होंगे।

उच्च स्तर की मान्यता के लिए साइट विजिट की व्यवस्था केवल लेवल 3 से 5 तक होगी, वो भी आंशिक रूप से — कुछ प्रक्रिया ऑनलाइन और कुछ भौतिक रूप से पूरी होगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और हेरफेर की संभावना घटेगी।

प्रणाली में “विश्वसनीयता स्कोर” का भी प्रावधान है, जो 0 से 1 के बीच तय होगा। शुरुआत में सभी संस्थानों को 0.5 का स्कोर मिलेगा। जैसे-जैसे दस्तावेजों की जांच होती है, यह स्कोर बढ़ या घट सकता है। डेटा का विश्लेषण करने वाले विशेषज्ञों की निगरानी भी AI से की जाएगी। यदि कोई संस्थान फर्जी दस्तावेज देता है, तो उसकी मान्यता तीन साल तक रोकी जा सकती है।

इस पूरी व्यवस्था की नींव पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में बनी उस समिति की सिफारिशों पर रखी गई है, जिसे शिक्षा मंत्रालय ने नवंबर 2022 में गठित किया था। नई प्रणाली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के कई प्रमुख बिंदु जोड़े गए हैं जैसे बहुभाषावाद, नवाचार, पर्यावरणीय जागरूकता, और वैश्विक शिक्षा का विस्तार।

दिलचस्प यह है कि अब भारत में कैंपस खोलने वाले विदेशी विश्वविद्यालय भी इसी व्यवस्था के तहत मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

 

इसे भी पढ़ें :

Saraikela: JPSC में सफल युवाओं का सरायकेला में सम्मान, DC ने दी प्रेरणादायक शुभकामनाएं

 


Spread the love
  • Related Posts

    Jammu: सिंध नदी में गिरी ITBP के जवानों की बस, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

    Spread the love

    Spread the loveजम्मू:  जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले से एक हृदयविदारक खबर सामने आई है, जहां भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों को ले जा रही एक बस भारी बारिश के…


    Spread the love

    Indian Post: 1 सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा बंद – भारतीय डाक का ऐतिहासिक फैसला, अब स्पीड पोस्ट से जुड़ेंगी यादें

    Spread the love

    Spread the loveनई दिल्ली:  भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ा और भावनात्मक फैसला लिया है. 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी और…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *