जमशेदपुर: जमशेदपुर के घाघीडीह केंद्रीय कारा में रविवार को जेल अदालत और चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल गौरव की अदालत ने एक मामले की सुनवाई की, जिसमें आरोपी मो. शकील ने अपनी गलती स्वीकार की। अदालत ने जेल में बिताई गई अवधि को सजा में बदलते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया।
सुनवाई से पहले और बाद में न्यायिक दंडाधिकारी ने बंदियों से व्यक्तिगत बातचीत की। उन्होंने बंदियों से उनकी जेल में रहन-सहन, भोजन, परिवारिक संपर्क और न्यायिक सहायता के बारे में चर्चा की। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मेंद्र कुमार और एलएडीसी अभिनव भी मौजूद रहे।
![]()
सुनवाई के साथ-साथ कारा में चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया गया। कारा चिकित्सा पदाधिकारी ने सभी बंदियों की स्वास्थ्य जांच की और उनकी मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लिया। बंदियों ने इस मौके को सकारात्मक अनुभव बताया और कहा कि इस तरह की पहल उनके लिए बहुत मददगार है।