Jamshedpur: औद्योगिक महत्त्व के बावजूद उपेक्षित स्वास्थ्य सेवाएं, जमशेदपुर को भी चाहिए AIIMS

Spread the love

जमशेदपुर:  जमशेदपुर, झारखंड का औद्योगिक केंद्रबिंदु, न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक सौहार्द, शिक्षा और जनसंख्या घनत्व के लिए भी प्रसिद्ध है. बावजूद इसके, स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में यह शहर अब भी गहरी असमानता और उपेक्षा से जूझ रहा है.

देश के कई शहरों में एम्स जैसे सुपर स्पेशियलिटी संस्थानों की स्थापना हो चुकी है — पटना, भोपाल, ऋषिकेश, नागपुर और अब झारखंड के देवघर में भी. लेकिन कोल्हान प्रमंडल विशेषकर जमशेदपुर, आज भी उस स्वास्थ्य सुविधा की बाट जोह रहा है जो गंभीर रोगियों के लिए आशा की किरण बन सके.

क्या जमशेदपुर एक आदर्श स्थान नहीं?
यह शहर झारखंड, बिहार, ओडिशा और बंगाल के त्रिसंधि पर स्थित है.

लाखों की आबादी के साथ हर वर्ष हजारों लोग रोजगार, शिक्षा और इलाज के लिए यहाँ आते हैं.

इसके बावजूद, चिकित्सा सेवाएं अब भी टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) और कुछ निजी अस्पतालों तक सीमित हैं.

गंभीर रोगियों को कोलकाता, रांची, पटना या वेल्लोर जैसे शहरों में रेफर किया जाता है. इससे न केवल समय की हानि होती है, बल्कि मानसिक और आर्थिक दबाव भी बढ़ता है.

एम्स-जैसे संस्थान की आवश्यकता क्यों अपरिहार्य?
1. विशेषज्ञ डॉक्टर और अत्याधुनिक तकनीक
एम्स जैसे संस्थानों में रिसर्च आधारित इलाज, आधुनिक उपकरण, अनुभवी चिकित्सक और प्रशिक्षण की पूर्ण व्यवस्था होती है. जमशेदपुर को ऐसा ही केंद्र चाहिए.

2. उच्च गुणवत्ता, न्यूनतम खर्च
एम्स कम लागत में बेहतर इलाज उपलब्ध कराता है. यह गरीब और मध्यम वर्ग के लिए संजीवनी साबित हो सकता है.

3. आपातकाल में स्थानीय सहारा
आदित्यपुर, घाटशिला, चाईबासा, सरायकेला और सीमावर्ती ओडिशा में चिकित्सा आपात स्थिति में समय पर इलाज मिलना आज भी चुनौती है. एम्स जैसे संस्थान से इस चुनौती का समाधान हो सकता है.

4. चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को बल
ऐसे संस्थानों से न केवल इलाज बल्कि डॉक्टरी शिक्षा और अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलता है. स्थानीय छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा और झारखंड को कुशल स्वास्थ्यकर्मी भी मिल सकेंगे.

क्या जमशेदपुर तैयार है?
बिलकुल. जमशेदपुर के पास है:

आवश्यक भूमि

CSR सहयोग की संभावनाएं (जैसे टाटा स्टील)

मौजूद अधोसंरचना (सड़क, बिजली, जल, इंटरनेट, हॉस्टल आदि)

जागरूक नागरिक समाज और सक्रिय प्रशासन

पूर्व प्रयास और वर्तमान आग्रह
पूर्व में भी कई संगठनों द्वारा केंद्र सरकार से पत्राचार किया गया था. मैं इस लेख के माध्यम से पुनः माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा जी से निवेदन करता हूँ कि झारखंड की स्वास्थ्य योजनाओं में एक एम्स-जैसे संस्थान की स्थापना जमशेदपुर में अवश्य हो.

यह केवल एक अस्पताल की मांग नहीं है, यह एक पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य सुरक्षा की आवश्यकता है.

एक क्षेत्र, एक अधिकार
जब देश ‘नए भारत’ की ओर अग्रसर है, तो यह आवश्यक है कि स्वास्थ्य सुविधाएं केवल राजधानी या बड़े शहरों तक सीमित न रहें. जमशेदपुर जैसे विकसित औद्योगिक नगर को यदि एम्स-जैसे संस्थान से जोड़ा जाए, तो पूरा दक्षिणी झारखंड और समीपवर्ती ओडिशा चिकित्सा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकेगा.

यह निर्णय न केवल जमशेदपुर को स्वस्थ भविष्य देगा, बल्कि पूरे क्षेत्र को चिकित्सा समावेशन का अधिकार प्रदान करेगा.

 

 

लेखक: मुकेश मित्तल,

अध्यक्ष – पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन एवं पूर्व उपाध्यक्ष – सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

 

 

इसे भी पढ़ें : Jamshedpur: 15 माह से चल रहे धरने के बाद जिला प्रशासन से मिले कन्वाई चालक


Spread the love

Related Posts

Jamshedpur: जमशेदपुर में ड्रग्स के खिलाफ एकजुट हुआ प्रशासन, स्कूलों में होंगे जागरूकता शिविर

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर:  जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में नार्कोटिक्स समन्वय समिति की अहम बैठक हुई। बैठक में नशीले पदार्थों के उत्पादन, तस्करी और अवैध बिक्री…


Spread the love

Jamshedpur: “हर हर महादेव” से गूंजा काशीडीह, सहस्रघट और भंडारे में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर:  काशीडीह स्थित श्री श्री नीलकंठेश्वर हनुमान मंदिर में सहस्रघट जलाभिषेक और भंडारे का भव्य आयोजन श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ. यह कार्यक्रम मारवाड़ी समाज काशीडीह,…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *