
जमशेदपुर: झारखंड में नई शिक्षा नीति के तहत इंटरमीडिएट शिक्षा को महाविद्यालयों से अलग करने संबंधी राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी परिपत्र ने विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यह आदेश यदि मौजूदा रूप में लागू होता है, तो उन हजारों विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, जिन्होंने पहले से ही 12वीं कक्षा के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) में पंजीकरण करा लिया है।
ज्ञात हो कि दिसंबर माह में जैक परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होनी है, ऐसे में अब कॉलेजों में पढ़ रहे 12वीं के विद्यार्थियों के सामने संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
समस्या के समाधान हेतु जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की पहल पर बिष्टुपुर स्थित उनके आवास सह कार्यालय में एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। इसमें जमशेदपुर क्षेत्र के विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्य, इंटरमीडिएट प्रभारी शिक्षक और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में आम सहमति बनी कि राज्य सरकार को तत्काल राजभवन से निर्देश में आंशिक संशोधन कराने की पहल करनी चाहिए, ताकि वर्तमान में नामांकित 12वीं के विद्यार्थियों को कोई परेशानी न हो।
क्या कहता है राजभवन का आदेश?
राजभवन के निर्देशानुसार, सभी विश्वविद्यालयों को यह आदेश दिया गया है कि इस शैक्षणिक सत्र से इंटरमीडिएट की कक्षाएं महाविद्यालयों में संचालित नहीं होंगी। यह आदेश त्वरित प्रभाव से लागू किया जाना है।
बैठक में यह चिंता भी जताई गई कि यदि यह निर्देश इसी रूप में प्रभावी हो गया तो पंजीकृत विद्यार्थियों की पढ़ाई अधर में लटक जाएगी और परीक्षा में शामिल होना कठिन हो जाएगा।
समाधान के दो ठोस सुझाव
12वीं के विद्यार्थियों को आदेश से अलग रखा जाए ताकि उनकी पढ़ाई एवं परीक्षा बाधित न हो।
11वीं में असफल विद्यार्थियों के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही भविष्य में नई नीति प्रभावी हो परंतु पहले से पंजीकृत छात्र इससे प्रभावित न हों।
विधायकों और अधिकारियों से संपर्क
बैठक के दौरान विधायक सरयू राय ने उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह तथा राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह और उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार से फोन पर बातचीत की।
इन सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सरयू राय के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताई और कहा कि राज्य सरकार एक औपचारिक आग्रह पत्र राजभवन को भेजे, ताकि निर्देश में आंशिक संशोधन किया जा सके।
राज्य सरकार से यह आग्रह किया जाएगा कि 12वीं के विद्यार्थियों को इस आदेश के प्रभाव से मुक्त रखा जाए और विश्वविद्यालय अंतर्गत कॉलेजों में इंटरमीडिएट प्रभाग पूर्ववत संचालित रहें, ताकि विद्यार्थी जैक परीक्षा फार्म भर सकें।
स्कूली शिक्षा मंत्री से संपर्क नहीं हो सका, लेकिन बैठक में यह उम्मीद जताई गई कि विकसित फार्मूले के आधार पर समाधान संभव है और विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
बैठक में कौन-कौन रहे उपस्थित?
इस महत्वपूर्ण बैठक में जमशेदपुर के प्रमुख कॉलेजों के प्राचार्य, इंटरमीडिएट प्रभारी, शिक्षक संघ के प्रतिनिधि और विधायक प्रतिनिधि उपस्थित थे। इनमें शामिल थे:
डॉ. अमर सिंह (प्राचार्य, को-ऑपरेटिव कॉलेज)
डॉ. एस.पी. महालिक (प्राचार्य, वर्कर्स कॉलेज)
डॉ. विजय कुमार पीयूष (प्राचार्य, एबीएम कॉलेज)
डॉ. वीणा प्रियदर्शिनी (प्राचार्य, ग्रेजुएट कॉलेज)
डॉ. छगन अग्रवाल (इंटर प्रभारी, महिला विश्वविद्यालय)
डॉ. भूषण कुमार सिंह, डॉ. अर्चना सिन्हा, डॉ. सुशांत कुमार
प्रो. प्रतिभा रानी मिश्रा, डॉ. मनोज साव, डॉ. अरुंधति डे
कर्मचारी नेता नीतीश कुमार
विधायक प्रतिनिधि एस.पी. सिंह, पवन कुमार सिंह
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